हरिद्वार। जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई पीसीपीएनडीटी जिला सलाहकार समिति की बैठक में भ्रूण परीक्षण की सूचना देने वाले को एक लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की गई। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया गया कि सूचना देने वाले का नाम पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा। बैठक में जिलाधिकारी ने पीसीपीएनडीटी अधिनियम के कड़ाई से अनुपालन के निर्देश दिए और कहा कि भ्रूण परीक्षण करने और कराने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने तकनीकी निगरानी के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता बढ़ाने और आम लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डिकॉय गर्भवती महिला को 60 हजार रुपये और सहयोगी पुरुष या महिला को 40 हजार रुपये की राशि इनाम के रूप में दी जाएगी।

जिलाधिकारी ने आदेश दिया कि जनपद में कोई भी सेंटर भ्रूण परीक्षण न कर सके, इसके लिए अल्ट्रासाउंड केंद्रों की नियमित छापेमारी की जाए और इसकी रिपोर्ट प्रत्येक बैठक में प्रस्तुत की जाए। बैठक में पांच अल्ट्रासाउंड केंद्रों के पंजीकरण को मंजूरी दी गई, जबकि एक आवेदन अस्वीकार कर दिया गया और दो आवेदनों को अगली बैठक में पेश करने के निर्देश दिए गए। सात अल्ट्रासाउंड केंद्रों के नवीनीकरण को भी समिति ने स्वीकृति दी। इसके अलावा, 13 अल्ट्रासाउंड मशीनों की जांच के बाद फार्म बी जारी करने के निर्देश दिए गए।
झबरेड़ा स्थित प्रज्ञा हॉस्पिटल का अल्ट्रासाउंड संचालन आवेदन डॉक्टर की अयोग्यता के कारण निरस्त कर दिया गया, जबकि रुड़की के बांके बिहारी नर्सिंग होम एंड अल्ट्रासाउंड सेंटर के स्थानांतरण को मंजूरी दी गई। लक्सर स्थित आर्यन हॉस्पिटल एंड अल्ट्रासाउंड सेंटर को मशीन बिक्री की अनुमति मिली और भेल स्थित डॉ. शारदा स्वरूप के सील अल्ट्रासाउंड मशीन को नियमानुसार डिस्पोज करने के आदेश दिए गए। इस बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आर.के. सिंह, एसीएमओ डॉ. अशोक तोमर, समिति सदस्य यशपाल सिंह, एफ. अली, डी.सी. प्रसाद, कविका शर्मा और रवि संदेल समेत कई अधिकारी व सदस्य उपस्थित रहे।









