हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कार्बेट पार्क से सटे आमडंडा वन ग्रामवासियों को बिजली और पानी उपलब्ध नहीं कराये जाने को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जवाब देने को कहा हैं।
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ में हुई। इस प्रकरण को रामनगर की वत्सल संस्था की सचिव श्वेता मासीवाल की ओर से चुनौती दी गयी है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि सरकार की ओर से आम डंडा के ग्रामीणों को वन ग्राम के नाम पर बिजली और पानी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।
याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि बिजली उपलब्ध कराने के लिये एक भी पेड़ नहीं काटा जा रहा है और केन्द्र सरकार की ओर से विद्युतीकरण के लिये वर्ष 2015 में बजट भी स्वीकृत कर दिया गया है। इसके बावजूद आज तक ग्रामीणों को बिजली उपलब्ध नहीं करायी जा सकी है। याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया कि यही हाल पेयजल का भी है। वर्ष 2012 से शासन-प्रशासन की ओर से पेयजल को लेकर हीलाहवाली की जा रही है।
अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि मामले को सुनने के बाद अदालत ने केन्द्र सरकार, राज्य सरकार के साथ ही राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड, प्रमुख वन्य जीव संरक्षक, कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) के निदेशक एवं अधिशासी अभियंता (यूपीसीएल) के साथ ही अन्य सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।
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