हल्द्वानी। हल्द्वानी में कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत कैम्प ऑफिस में लोगों की जन समस्याओं से रूबरू हुए। इस दौरान जमीनी विवाद, अतिक्रमण से जुड़े और कोटाबाग में सरकारी हॉस्पिटल में महिला की डिलीवरी के बाद बच्चे की मौत समेत कई अन्य मामले सामने आए। जन सुनवाई के दौरान आयुक्त दीपक रावत ने एक पीड़ित को 17 साल के बाद जमीन वापस दिलाई है। पीड़ित हरीश चंद्र पांडेय और उसके परिवार ने कमिश्नर दीपक रावत का धन्यवाद व आभार जताया। जानकारी के अनुसार बागेश्वर के हरीश चंद्र पांडेय ने अपने पुत्र गणेश पांडेय के नाम से 2006 में जयदेवपुर में एक जमीन खरीदी थी, जो उनको मौके पर नहीं मिल पा रही थी। उन्होंने इसकी गुहार आयुक्त दरबार में लगाई थी।
आयुक्त के निर्देश पर तहसीलदार हल्द्वानी सचिन कुमार को पीड़ित की जमीन खोजने के निर्देश दिए। तहसीलदार सचिन कुमार के आदेश पर पटवारी ने मौके पर पहुंचकर पीड़ित की जमीन को मौके पर खसरा संख्या और रजिस्ट्री चेक की, जहाँ पर पीड़ित की जमीन मौके पर पाई गई। इधर अपनी जमीन मिलने पर पीड़ित ने आयुक्त दरबार में पहुंचकर कमिश्नर दीपक रावत को 17 साल बाद अपनी जमीन मिलने पर आभार जताया। हरीश चंद्र पांडेय 2004 में शिक्षा विभाग से शिक्षक के पद से रिटायर हुए थे। कोटाबाग निवासी रजनी सिंह ने बताया कि 2 अक्टूबर को सीएचसी कोटाबाग में उनकी सामान्य डिलीवरी से पुत्री हुई थी और 3 अक्टूबर को उसकी मौत हो गई थी। आयुक्त ने सीडीओ को जांच के आदेश दिए। हल्द्वानी ग्राम हरिपुर कुंवरसिंह निवासी विमला ने उनकी भूमि पर प्रधान द्वारा अवैध रूप से सिंचाई गुल को ध्वस्त कराने की मांग की।