नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने वित्तीय अनियमिताताओं के मामले में मंगलवार को अहम निर्णय लेते हुए नैनीताल नगर पालिका के चेयरमैन सचिन नेगी की पावर (शक्तियां) सीज कर दी है और अधिशासी अधिकारी (ईओ) आलोक उनियाल को निलंबित कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ में मंगलवार को दो मामलों पर सुनवाई हुई। अदालत ने मुख्य सचिव एसएस संधु को बिना निविदा जारी किये झूला की अनुमति देने के मामले की जांच के निर्देश दिये हैं। साथ ही दूसरे मामले की जांच के लिये उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश इरशाद हुसैन की अगुवाई में एक जांच कमेटी का गठन कर दिया है। मुख्य सचिव को 10 दिन में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिये हैं। दरअसल नैनीताल नगर पालिका की ओर से डीएसए मैदान में एक अक्टूबर से पांच नवम्बर तक 6.75 लाख रूपये में झूला लगाने के अनुमति दे दी गयी थी। आरोप है कि बिना निविदा जारी किये यह निर्णय लिया गया। इसे ठेकेदार कृष्ण पाल भारद्वाज की ओर से अदालत में चुनौती दी गयी। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि उसने भी झूला लगाने के लिये आवेदन किया था लेकिन उसके आवेदन को नगर पालिका ने खारिज कर दिया।
आज चेयरमैन और ईओ अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए। नगर पालिका की ओर से कहा गया कि सभी विभागों से अनापत्ति और जनहित में डीएसए मैदान में झूला लगाने की अनुमति दी गयी। नगर पालिका के पास अदालत के इस प्रश्न का कोई जवाब नहीं था कि झूला लगाने के लिये निविदा जारी क्यों नहीं की गयी ? अदालत ने इस मामले को गंभीर वित्तीय अनियमितता माना और कर्तव्य में लापरवाही के आरोप में नगर पालिका के ईओ को निलंबित कर दिया। साथ ही चेयरमैन सचिन नेगी की पावर सीज कर दी। श्री नेगी बतौर चेयरमैन अपना काम संचालित नहीं कर सकेंगे। अदालत ने वित्तीय अनियमितता के मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए इस मामले में एक जनहित याचिका दायर कर ली। दोनों मामलों में आज सुनवाई हुई। अदालत ने याचिकाकर्ता कृष्ण पाल भारद्वाज की ओर से लगाये गये आरोपों की जांच मुख्य सचिव एसएस संधु को निर्देश दिये। अदालत ने दस दिन में जांच रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा। साथ ही जनहित याचिका में उठाए गये बिन्दुओं की जांच के लिये सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अगुवाई में एक जांच कमेटी का गठन कर दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी। अदालत ने विगत 12 अक्टूबर को भी ईओ और चेयरमैन को अदालत में तलब किया था और इस मामले में बेहद खरी-खोटी सुनाई थी।