- लोगो का आरोप एप्रोच रोड टूटने का कारण ही खनन है, वन विभाग भी सवालों के घेरे में
संवाददाता- अरक़म सिद्दीकी
हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/हल्द्वानी। उत्तराखंड में विगत दिनों हुई अत्यधिक वर्षा से प्रदेश में जगह-जगह भूस्खलन व जान माल की नुकसान हुआ है। विगत दिनों हुई बारिश से प्रकृति का ऐसा रौद्र रूप कभी नहीं देखा इससे उत्तराखंड में रह रहे आम जन सहम गए हैं, हम प्रदेश में हुई तबाही का अंदाज़ा इस बात से ही लगा सकते हैं कि अभी तक एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अन्य पुलिस कर्मी व आपदा प्रबंधन में लगे लोग कई जगह के रास्ते सुचारू नही कर पाए हैं। साथ ही राहत सामग्री पहुचाने के लिए हेलीकॉप्टर व अन्य साधनों का प्रयोग किया जा रहा है।
तो वही दूसरी ओर प्रदेश के मुख्या पुष्कर सिंह धामी के द्वारा भी ग्राउंड ज़ीरो पर दौरा कर रहे हैं। वही विगत दिवस केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी हवाई दौरा कर स्थिति का जायज़ा लिया। आपदा भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, कि अभी तक मलबे में दबे लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है, अत्यधिक बारिश के चलते गोला नदी भी उफान पर रही, जिससे विगत दिनों गोला पुल की एप्रोच रोड कट गई, जिससे गोला पुल से हजारों लोगों का आना जाना भी बंद हो गया।
वही लोगों का आरोप है कि गोला पुल की एप्रोच रोड वहां खनन के कारण ध्वस्त हुई है, जिसको लेकर वन विभाग भी सवालों के घेरे में है, क्योंकि गोला पुल व उसके आस-पास वन विभाग के कर्मचारी तैनात रहते हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है, कि वन विभाग के कर्मचारी ही अवैध खनन कराते हैं।
आपको बता दें कि लोगो को खनन करने वालों का इतना डर है कि लोग बात करने से भी कतरा रहे हैं और कहते हैं कि मात्र 10, 5 लोग ही खनन के कार्य में लगे हैं, लेकिन भुगतना सब को पड़ता है, कई बार समाचार पत्रों में अवैध खनन की खबरें भी आती है परंतु खनन करने वालो का कुछ नहीं होता।
वही गोला पुल की एप्रोच रोड गिरे अभी 2 दिन ही गुजरे हैं तथा उसके बाद भी वहां पर किशोर खनन करते देखे जा सकते हैं, आखिर किसकी शह है उन्हे जो इतना निर्भीक होकर गोला में चलते पानी से भी खनन कर रहे हैं। उधर गोला किनारे एक बड़े जानवर का शव भी पड़ा है जिससे काफी दुर्गंध भी उठ रही है।
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