- मृत कर्मचारियों के नाम पर निकाले पैसे, फर्जी बिलों से किया करोड़ों का गबन, पुलिस जांच में बड़ा खुलासा
कोटद्वार। गढ़वाल मोटर्स ओनर्स यूनियन लिमिटेड (जीएमओयू) कोटद्वार में वित्तीय अनियमितताओं और सुनियोजित षड्यंत्र के जरिए लगभग ढाई करोड़ रुपये के गबन का मामला उजागर हुआ है। इस बहुचर्चित घोटाले में संगठन के पूर्व अध्यक्ष, जनरल मैनेजर, कैशियर, अकाउंट क्लर्क सहित कुल नौ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों पर मृत कर्मचारियों के नाम पर भुगतान दिखाने, फर्जी बिल-वाउचर बनाकर धन निकालने, और सरकारी धन का दुरुपयोग करने का गंभीर आरोप है। पूरा मामला तब सामने आया जब 5 मार्च 2025 को वर्तमान मैनेजर सचिव विजय पाल सिंह ने कोटद्वार कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में बताया गया कि संगठन के कई पूर्व पदाधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलीभगत कर जीएमओयू लिमिटेड के फंड में भारी गड़बड़ियां की हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने तत्काल जांच के आदेश दिए।
जांच में सामने आया कि वर्ष 2023-24 में आरोपियों ने संयुक्त रूप से मृत कर्मचारियों के नाम पर फर्जी भुगतान, काल्पनिक व्यक्तियों के नाम पर दान-पूजा, स्टेशनरी, फर्नीचर मेंटेनेंस, पेट्रोल पंप बिल्डिंग, कंप्यूटर रिपेयर, बिजली-पानी खर्च जैसे मदों में करोड़ों रुपये के फर्जी बिल बनाए। यहां तक कि मृत कर्मचारियों को जीवित दिखाकर उनके फर्जी हस्ताक्षर से भी धन निकाला गया। पुलिस जांच में यह गबन कुल ₹2,48,43,087 का पाया गया है। ठोस साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 406, 120B, 465, 467, 468 और 471 के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया है। पुलिस टीम ने बुधवार को सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इस मामले में शामिल गिरफ्तार व्यक्तियों में पूर्व अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल, पूर्व जनरल मैनेजर ऊषा सजवान, पूर्व कैशियर अश्विनी रावत, सहायक लेखाधिकारी मंजीत सैनी, पेट्रोल सेक्शन क्लर्क वीरेन्द्र खन्तवाल सहित अन्य कर्मचारी शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि घोटाले में और भी लोगों की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता और जांच अभी जारी है।