देहरादून। ग्राम विकास आधिकारी के पद पर धांधली के आरोप में तीन आरोपियों की जमानत अर्जी हाई कोर्ट नैनीताल से खारिज हो गई है। एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने वर्ष 2016 में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की परीक्षा में हुई धांधली के सम्बन्ध में सतर्कता सेक्टर देहरादून में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसकी विवेचना सितम्बर 2022 में एसटीएफ को सौंप दी थी।
एसटीएफ ने मुकदमे की विवेचना में साक्ष्य एकत्र कर उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष रघुबीर सिंह रावत, सचिव मनोहर सिंह कन्याल एवं तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक राजेन्द्र सिंह पोखरिया को गिरफ्तार किया गया था। इन तीनों अधिकारियों ने उच्च न्यायालय नैनीताल में जमानत याचिका लगाई गयी थी। एसटीएफ ने तीनों आरोपियेां की जमानत याचिका का विरोध किया और उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया है।