संवाददाता- अरक़म सिद्दीकी
हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/हल्द्वानी। डा. सुशीला तिवारी राजकीय हॉस्पिटल व मेडिकल कालेज के उपनल कर्मचारियों द्वारा बुधवार को 42 वें दिन भी अपना धरना प्रदर्शन जारी रखा। उन्होंने एक जुलूस एसडीएम कोर्ट तक निकाला। साथ ही सरकार को चेतावनी दी कि अगर हमारी मांगें नहीं मानी गई तो सुशीला तिवारी उपनल कर्मचारी अनशन कर अपना विरोध दर्ज कराएंगे। साथ ही उपनल कर्मियों ने राज्य सरकार द्वारा कैबिनेट की बैठक में उनके मामले में लिये गये निर्णय पर रोष जताया।
उन्होंने कहा कि सरकार ने दस साल से कार्य कर रहे उपनल कर्मियों को दो हजार और दस साल से अधिक समय से कार्य कर रहे कर्मचारियों के तीन हजार की रकम देने पर असहमति जताते हुए कहा कि जब तक हमारी मांगों पर न्यायसंगत रूप से पूरी नही हो जाती तब तक हमारा धरना जारी रहेगा।
उपनल कर्मी संघ अध्यक्ष
वहीं इस संबंध में एसटीएम उपनल कर्मी संघ के अध्यक्ष पीएस बोरा ने कहा कि कोविड-19 के समय पुलिस व स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा अपनी जान की परवाह न करते हुए आम जनता की सेवा में लगे रहे। उसका नतीजा आज यह है कि हमें अपनी मांगों को मनवाने के लिए धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। यह उत्तराखंड राज्य का दुर्भाग्य नहीं तो और क्या है।
इधर उपनल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष पीएस बोरा ने कहा कि यहां पर उनके आंदोलन को समर्थन देने के लिए आम आदमी पार्टी के नेता मंगलवार को उनके आंदोलन को समर्थन देने आये थे और वे कुछ दिनों पूर्व में भी धरना स्थल पर भी समर्थन के लिए आये थे।
बोरा ने कहा कि हमने आम आदमी पार्टी के नेताओं से कहा था कि आप आंदोलन को समर्थन देने की बात करें और धरना स्थल पर किसी प्रकार की सियासत नहीं होनी चाहिए। इधर इसको लेकर आम आदमी पार्टी के नेताओं का पारा चढ़ गया और उन्होंने वहां पर विवाद की स्थिति पैदा कर दी।
उपनल कर्मी
सुशीला तिवारी में कार्यरत उपनल कर्मी मोनिका ने आरोप लगाया कि सरकार हमारे साथ भेदभाव कर रही है। कई राज्य कर्मचारी व संविदा कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाई जा रही है व बोनस का लाभ दिया जा रहा है। वहीं कोविड-19 में अपनी जान की परवाह न करते हुए सेवा देने वालों के साथ राज्य सरकार भेदभाव कर रही है जो कि उचित नहीं है।
हाइजैक करने के प्रयास में हैं सियासी दल
चुनावों के समय सियासी दलों को थाली मे खीर परोसी हुई मिल जाये तो उनकी बल्ले-बल्ले होने में देर नहीं लगती। इधर हल्द्वानी में कर्मचारियों के तमाम आंदोलन हो रहे हैं और कोई न कोई पार्टी इनके सहारे अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं।
ये पिछले 42 दिनों से बुधपार्क में धूप/बारिश के दौरान भी अपना धरना जारी रखे हुए हैं लेकिन किसी भी सियासी दल ने इनको एक घूंट पानी तक के लिए नहीं पूछा होगा। वही फेसबुक और सोशल मीडिया पर छाये रहने वाले तथाकथित समाज सेवी भी इनकी सुध लेने नहीं आये।
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