देहरादून। घंटाघर के नियंत्रण कक्ष में क्षतिग्रस्त सामान के मामले की सच्चाई की जांच में पता चला है कि घड़ी और फ्लड लाइट के तार काटे गए हैं, लेकिन किसी प्रकार की चोरी या जबरन प्रवेश के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। मंगलवार 10 सितंबर को अधिशासी अभियंता नगर निगम देहरादून द्वारा घंटाघर में स्थापित मोटर और फ्लड लाइट की तारों को क्षतिग्रस्त करने के संबंध में प्रार्थना पत्र दिए जाने पर कोतवाली नगर में अभियोग दर्ज किया गया था। इसके बाद, आज आयुक्त नगर निगम, क्षेत्राधिकारी नगर और निरीक्षक कोतवाली नगर ने संयुक्त रूप से घटनास्थल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान घंटाघर के नियंत्रण कक्ष के ताले सही स्थिति में पाए गए और घटनास्थल पर किसी प्रकार के जबरन प्रवेश के कोई साक्ष्य नहीं मिले।
घड़ी से जुड़े तारों को काटा गया था, जिससे घड़ी और स्पीकरों का कार्य न करना स्पष्ट हुआ। कटी हुई तारें मौके पर ही मिलीं, जिन्हें न तो चोरी किया गया था और न ही ले जाने का प्रयास किया गया था। घंटाघर में स्थित सभी कीमती उपकरण सुरक्षित पाए गए। फॉरेंसिक टीम को बुलाकर घटना स्थल की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की गई। नियंत्रण कक्ष के ताले सही पाए जाने से यह स्पष्ट होता है कि तारों से छेड़छाड़ संभवतः उन व्यक्तियों द्वारा की गई है जिनके पास नियंत्रण कक्ष की चाबी तक पहुंच हो। इस घटना के संबंध में चाबी के रखरखाव में बरती गई लापरवाही की जांच करने के लिए नगर निगम को पुलिस द्वारा पत्राचार किया गया है। एसएसपी देहरादून के निर्देश पर चौकी प्रभारी धारा उ०नि० हर्ष अरोड़ा को लाइन सम्बद्ध करते हुए प्रकरण की जांच क्षेत्राधिकारी नगर को सौंप दी गई थी। जांच रिपोर्ट में चौकी प्रभारी धारा की कोई लापरवाही नहीं पाए जाने पर उन्हें वापस भेजा गया है।