हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/देहरादून। उत्तराखण्ड में इस वर्ष वनाग्नि के कारण कुल 1133 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। अभी तक यहाँ कुल 799 घटनाएं हुई हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने यूनीवार्ता को बताया कि राज्य में कुल 38 हजार वर्ग किलोमीटर वनाच्छादित क्षेत्र है। जो कुल क्षेत्रफल का 71 प्रतिशत है। इतने व्यापक वन क्षेत्र में प्रति वर्ष वनाग्नि से वन सम्पदा का भी व्यापक नुकसान होता है।
उन्होंने बताया कि लगभग 90 प्रतिशत वनाग्नि की घटनाएं अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, टिहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी एवं चंपावत जिले में हुईं हैं।
सूत्रों के अनुसार, वनाग्नि का प्रमुख कारण वनों से लगती हुई कृषि भूमि में पराली जलाना है।
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