
हल्द्वानी। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) भर्ती घोटाले मामले में कांग्रेस नेता व उत्तराखंड विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता यशपाल आर्य को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पर भी भरोसा नहीं है। उन्होंने भर्ती घोटाले की जांच उच्चन्यायालय या उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की अगुवाई में सीबीआई से कराने की मांग की है। आर्य गुरूवार को हल्द्वानी में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने धामी सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने भर्ती घोटाले के साथ ही हरिद्वार के जहरीली शराब मामले में भी प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने इस मामले में तत्काल विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग की है और सरकार से जवाब देने की बात कही। उन्होंने इस दौरान सरकार से कई सवाल किये। उन्होंने कहा कि यूकेएसएसएससी परीक्षा की जिम्मेदारी ब्लैक लिस्ट कंपनी को क्यों दी गयी। गिरफ्तार हाकम सिंह का भाजपा से क्या संबंध है और उससे जुड़े लोगों को क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया। उन्होंने फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वालों के मामले में भी सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि प्रदेश में कई लोग अभी भी फर्जी प्रमाण पत्र के बल पर सरकारी सेवा कर रहे हैं। एसटीएफ जांच के नाम पर सरकार इस मामले पर भी पर्दा डाल रही है। आखिर जांच को कब तक अंजाम तक पहुंचाया जायेगा? दोषियों के खिलाफ कब कार्रवाई की जायेगी।

उन्होंने आरोप मढ़ा कि सरकार एसटीएफ जांच के नाम पर फर्जी प्रमाण पत्र मामले की तरह ही भर्ती घोटाले पर भी पर्दा डालना चाहती है। वह यहां नहीं रूके और एक कदम आगे बढ़कर कहा कि भर्ती प्रकरण की जांच सीबीआई से नहीं बल्कि उच्चन्यायालय या उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की अगुवाई में सीबीआई से करायी जाये? आर्य ने हरिद्वार के जहरीली शराब के मामले में भी सरकार को घेरा और कहा कि कब तक आखिर लोग मरते रहेंगे और सरकार सोती रहेगी। कब दोषियों पर सख्त कार्यवाही होगी? आर्य ने भू कानून के मामले में भी सरकार पर सियासी हमला बोला और कहा कि प्रदेश में कई जगह सरकारी भूमि की बंदरबांट हुई है और उनके नाम सार्वजनिक न हो इसलिये सरकार दोषियों को बचाने के लिये जल्दबाजी में भू कानून लाना चाहती है। इस दौरान उनके साथ हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश भी थे। गौरतलब है कि अभी तक कांग्रेस पार्टी भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की मांग करती आयी है। इस मामले में विधानसभा के उप नेता भुवन चंद्र कापड़ी ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की है और पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। यशपाल आर्य ने एक कदम आगे बढ़ कर अब इस मामले की जांच उच्चन्यायालय या उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की अगुवाई में सीबीआई से कराने की बात कही है।

