हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/नैनीताल। उत्तराखंड में सोमवार से शुरू आम आदमी पार्टी (आप) का नव परिवर्तन संवाद फीका रहा। पार्टी जनता को रिझाने में नाकाम रही। पार्टी की ओर से ठोस रोडमैप पेश करने के बजाय जनता को सिर्फ दिल्ली माॅडल का ही भरोसा दिलाया गया। देश के पांच राज्यों में चुनाव तिथि की घोषणा के साथ ही उत्तराखंड में विधानसभा चुनावों के लिये बिगुल बज गया है। निर्वाचन आयोग ने 14 फरवरी मतदान की तिथि घोषित कर दी है। आज से ठीक 35 दिन बाद प्रदेश में वोट डाले जाने हैं और 10 मार्च को नतीजे आएंगे।
ऐसे में राजनीतिक दलों की ओर से प्रचार अभियान तेज कर दिया गया है। आप की ओर से यहां दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज नव परिवर्तन संवाद का शुभारंभ किया। उन्होंने वर्चुअली जनता से संवाद कायम किया। नव परिवर्तन संवाद कार्यक्रम 16 जनवरी तक चलेगा। इस दौरान दिल्ली के दिग्गज नेता जनता से संवाद स्थापित करेंगे लेकिन आज मनीष सिसौदिया की ओर से इसकी फीकी शुरूआत की गयी। सिसोदिया ने अपने संवाद में भाजपा और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और कहा कि दोनों दलों ने प्रदेश की जनता को लूटा है और जनता को धोखा दिया है। संघर्षों से अस्तित्व में आये राज्य की जनता को उनका सपनों का राज्य नहीं मिल पाया। प्रदेश में स्कूलों और अस्पतालों की हालत खराब है। बेरोजगारी एवं पलायन बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि राज्य में सिर्फ तीन प्रतिशत बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल रही है। महिलायें स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में सड़कों पर प्रसव पीड़ा के चलते दम तोड़ रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पहाड़ों में खेत खलिहान बंजर हो गये हैं और पलायन के चलते मकान खंडहर। लेकिन खास बात यह है कि उन्होंने जनता के सामने इस सबके लिये कोई ठोस रोडमैप सामने नहीं रखा। उन्होंने इतना ही कहा कि श्री अरविंद केजरीवाल पर भरोसा कीजिये और दिल्ली माॅडल की तर्ज पर प्रदेश का विकास किया जायेगा।
यह बात सही है कि आप ने भाजपा और कांग्रेस के विकल्प के रूप में एक जनता में एक उम्मीद जताई लेकिन जनता नव परिवर्तन संवाद अभियान के माध्यम से जानना चाहती थी कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले पहाड़ी राज्य में दिल्ली की तर्ज पर अच्छे स्कूल एवं अच्छे अस्पताल कैसे बनेंगे। पलायन पर विराम कैसे लगेगा। यहीं नहीं सूने पड़े पहाड़ के गांवों और वीरान पड़े खंडहरों में कैसे रौनक लायी जायेगी।
यही नहीं पार्टी जनता में यह भरोसा जताने में भी नाकाम रही है कि केजरीवाल के 300 यूनिट मुफ्त बिजली, बेरोजगारों को 5000 रुपये का भत्ता, 18 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को 1000 रुपये प्रतिमाह की सहायता राज्य की खराब माली हालत के बावजूद कहां से दी जायेगी। देखना है कि आप दिल्ली के मोहल्ला क्लिनिक, अच्छे स्कूलों के ख्वाब व मुफ्त की खैरात के वादों के साथ चुनावों में क्या रंग खिलाती है।
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