हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने केबिनेट मंत्री एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल के निर्वाचन को चुनौती देने वाली चुनाव याचिका पर रजिस्ट्रार जनरल से इस मामले में रिपोर्ट पेश करने को कहा है। न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की पीठ ने मूल विषय पर सुनवाई से पहले गत 22 और 28 मार्च को याचिकाकर्ता को याचिका में मौजूद त्रुटियों को दूर करने के निर्देश दिये। शुक्रवार को अदालत ने फिर याचिका पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से पूछा है कि क्या याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय के नियमावली के तहत दायर की गयी है या नहीं। रजिस्ट्रार कार्यालय को इस मामले में सोमवार तक रिपोर्ट पेश करने निर्देश दिये गये हैं।
ऋषिकेश विधानसभा से जन एकता पार्टी के उम्मीदवार कनक धनई की ओर से श्री अग्रवाल के निर्वाचन का चुनौती दी गयी है। याचिका में कहा गया है कि भाजपा प्रत्याशी प्रेमचंद्र अग्रवाल की ओर से आचार संहिता का उल्लंघन किया गया है। मतदाताओं को लुभाने के लिये विवेकाधीन कोष का दुरूपयोग किया गया है। आचार संहिता के दौरान डिमांड ड्राफ्ट वितरित किये गये हैं। आरोप है कि लगभग पांच करोड़ की धनराशि का वितरण किया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से श्री अग्रवाल के निर्वाचन को खारिज करने और मामले की जांच की मांग करते हुए सुबूत के तौर पर 4975 रूपये की धनराशि के दो डिमांड ड्राफ्ट भी याचिका में संलग्न किये गये हैं। इस प्रकरण में मुख्य निर्वाचन आयुक्त, देहरादून के जिला निर्वाचन अधिकारी व श्री अग्रवाल को पक्षकार बनाया गया है।
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