हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/देहरादून। उत्तराखंड के देहरादून में सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश ने पंजाब नेशनल बैंक के हरिद्वार जिले के मंगलौर शाखा के तत्कालीन प्रबंधक अशोक भारद्वाज को पांच वर्ष की साधारण कारावास के साथ चार लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनायी है जबकि छह अन्य आरोपियों को तीन साल की साधारण कैद की सजा सुनायी गयी है। विशेष न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई के बाद जिला हरिद्वार में स्थित कुर्दी के झबरेड़ा रोड पर मौजूद मैसर्स चंद्रिका इंडस्ट्रीज एंड चंद्रिका ट्रेडिंग कंपनी की मालकिन सुधा पंडित के लिये तीन वर्ष की साधारण कारावास सहित 45,000 रुपये के जुर्माने की सजा का ऐलान किया है।
झबरेड़ा रोड पर ही स्थित मैसर्स बालाजी ऑयल्स के मालिक श्री सुशील कुमार शर्मा को तीन वर्ष की साधारण कारावास और 15,000 रुपये का जुर्माना, रुड़की के न्यू मोहनपुरा रोड पर स्थित मेसर्स जिंदल होजरी के मालिक श्री मुकेश कुमार शर्मा को तीन वर्ष की साधारण कारावास और 15,000 रु. का जुर्माना, जिला हरिद्वार के मोहनपुरा में जीटी रोड पर स्थित मैसर्स न्यू एम पी एस स्पीकर्स एंड ट्रांसफॉर्मर कोर एवं मेरठ के टी.पी.नगर पर स्थित मैसर्स बालाजी एग्रो सेल्स के मालिक श्री निशांत कुमार शर्मा को तीन वर्ष की साधारण कारावास और 30,000 रु. का जुर्माना, जिला मुजफ्फरनगर के खतौली में मैसर्स पंजाब मशीनरी के मालिक श्री रोशन अली को तीन वर्ष की साधारण कारावास एवं 15,000 रु.का जुर्माना तथा मुजफ्फरनगर के साउथ सिविल लाइंस में सूरज विहार पर स्थित मेसर्स इंडियन मशीनरी कॉरपोरेशन के मालिक श्री विपिन कुमार वर्मा को तीन वर्ष की साधारण करावास और 30000 रु. के जुर्माने की सजा सुनाई है।
सीबीआई ने अशोक भारद्वाज और अन्य निजी व्यक्तियों के खिलाफ दिनांक 13.4.2006 को मामला दर्ज किया था, जिसमें इन पर भारत सरकार की केवीआईसी योजना के तहत लघु उद्योग इकाई की स्थापना के लिए पांच फर्मो को ऋण, दो फर्मो को सीसी लिमिट तथा एक फर्म को नियमित ऋण जारी करने के मामले में बैंक को लगभग 1,34,00,000 रु. नुकसान पहुंचाने के आरोप हैं। यह भी आरोप है कि इन्होंने आठ अलग-अलग गैर-मौजूदा फर्मों के उधारकर्ताओं के साथ साजिश में बैंक के साथ धोखाधड़ी की एवं विभिन्न उधारकर्ताओं को अलग-अलग तिथियों तथा अलग-अलग समय पर ऋण स्वीकृत कराए। आपूर्तिकर्ताओं के कोटेशन और बिल कथित रूप से जाली थे। आरोपियों के परिसरों की तलाशी ली गई थी, जिसमें कई दस्तावेज बरामद हुए थे। जांच के पश्चात विशेष न्यायाधीश ने सीबीआई मामले के लिए देहरादून में स्थित अदालत में दिनांक 19.07.2007 को आरोप पत्र दायर किए। सभी आरोपियों के विरुद्ध दिनांंक 17.03.2009 को आरोप तय किए गए। मामले की सुनवाई के बाद सीबीआई अदालत ने आरोपियों को कसूरवार पाया और उन्हें दोषी ठहराया।
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