हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को विपक्ष कांग्रेस ने सत्ता पक्ष के रोजगार सम्बन्धित उत्तर से असंतुष्ट होकर सांकेतिक बहिर्गमन किया। जबकि शून्यकाल में सदन में एक पूर्व विधायक की उपस्थिति पर भी सवाल उठाया गया।
आज सुबह 11 बजे सत्र की कार्यवाही शुरू होने के बाद प्रश्न काल में कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन के एक अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में श्रम एवं रोजगार मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि प्रतिष्ठित संस्था सीएमआईई द्वारा प्रतिवर्ष बेरोजगारी के आंकड़े प्रकाशित किये जाते हैं। विगत वर्षों में उक्त संस्था द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार उत्तराखण्ड में बेरोजगारी की दर लगातार कम दर्ज की गई है। उन्होंने बढ़ती बेरोजगारी दर रोकने सम्बन्धित एक सवाल के जबाव में सदन को बताया कि केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के द्वारा बेरोजगार युवकों एवं युवतियों को स्वरोजगार प्रदान करने तथा उन्हें स्वालम्बी बनाने हेतु विभिन्न विभागों के माध्यम से कई रोजगारपरक योजनाऐं संचालित की जा रही है।
रावत के उत्तर से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने कहा कि 04 मार्च 2001 को सरकार ने सदन में सात लाख बेरोजगार को रोजगार देने का दावा किया, जबकि स्थिति इससे भिन्न है। असंतुष्ट विपक्ष ने इसके साथ विरोध व्यक्त करते हुये साकेतिक बहिर्गमन कर दिया। रोजगार के मुद्दे पर एक ही प्रश्न पर लगभग 50 मिनट तक चर्चा चली।
शून्यकाल में विपक्ष ने हाल ही में कांग्रेस के विधायक राजकुमार के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने और पद से त्यागपत्र देने के बावजूद सदन की कार्यवाही में शामिल होने पर विशेषाधिकार हनन का मामला उठाया। जिस पर पीठ ने बाद में चर्चा करने का भरोसा दिया।
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