- शॉल, चादर, कोट, दस्ताना, इनर सेट जर्किन, टोपी, थुलमा, मफलर, की भी मांग बढ़ी
हल्द्वानी। सदिर्याें के मौसम को देखते हुए गांधी आश्रम भी तैयारी में जुट गया है। वहीं इस बार पहले से ज्यादा बिक्री होने की उम्मीद है। लोग गांधी आश्रम के उत्पादों को तरजीह दे रहे हैं और गांधी आश्रम भी अपने को आधुनिकता के रंग में ढ़ाल रहा है। हल्द्वानी गांधी आश्रम के सचिव दीप चंद्र जोशी का कहना है कि सर्दियों के सीजन में फैशन के अनुरूप वस्त्रों को लाने की तैयारी चल रही है। इधर महिलाओं के गर्म सूट, गाऊन और पुरूषों के लिए गर्म कमीज-वास्केट की खासी डिमांड है। उन्होंने कहा कि गांधी आश्रम के कपड़ों की खरीददारी के लिए स्थानीय ही नहीं बल्कि पर्यटकों को भी गर्म कमीज और गाऊन खासे पसंद आ रहे हैं। साथ ही शॉल, चादर, कोट, दस्ताना, इनर सेट जर्किन, टोपी, थुलमा, मफलर, की भी मांग बढ़ी है।
इधर पहाड़ी टोपी ओर पीएम मोदी द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाली डबल वास्केट की भी मांग में इजाफा होते जा रहा है। हाथ से बनी रजाई-गद्दों और रेषम की साड़ियों का क्रेज बरकरार है। शादियों-सामारोह के लिए रेषम की साड़ियां महंगी हैं जिनकी कीमत बीस हजार से अधिक है। इन साड़ियों को चाह रखने वाली महिलाओं की संख्या भी अच्छी खासी है। उन्हेांने कहा कि लोगों के बल्क आर्डर भी आ रहे हैं जिससे उनका लक्ष्य आसानी से पूर्ण होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि आजकल गांधी आश्रमों में डिस्काउंट के चलते लोग फायदा उठा रहे हैं। यदि गर्म कपड़े खरीदने की प्लानिंग और स्वदेशी हस्त निर्मित वस्तुओं के इस्तेमाल के साथ एक अलग लुक में दिखना हैं तो यह एक बेहतर च्वाइस हो सकती है। यह सादगी और आपको भीड़ से अलग दिखाएगा।