हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/नैनीताल। हेट स्पीच मामले में जेल में बंद जितेन्द्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। न्यायमूर्ति एनएस धनिक की पीठ ने शुक्रवार को उनके जमानत प्रार्थना पत्र को सुनने ने इनकार कर दिया है। जितेन्द्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को हरिद्वार पुलिस ने इसी साल 13 जनवरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उन पर 12 से 19 दिसंबर के मध्य हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में एक धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। वह तभी से जेल में बंद हैं।
उन्होंने जमानत के लिये हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। न्यायमूर्ति एनएस धनिक की पीठ में कल इस मामले में सुनवाई होनी थी लेकिन पीठ ने उनके जमानत प्रार्थना पत्र को सुनने से इनकार कर दिया। साथ ही दूसरी बेंच के लिये रेफर कर दिया है। अब कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा इस मामले में नयी पीठ का गठन करेंगे। वह तब तक जेल में ही रहेंगे। इससे साफ है कि आरोपी जितेन्द्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
इससे पहले न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की पीठ में उनके जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की गई थी। अदालत ने उनके आपराधिक रिकार्ड के बारे में जानकारी मांगी थी। सरकार की ओर से 26 फरवरी को हुई सुनवाई में बताया गया कि उनके खिलाफ उप्र में 30 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें कुछ संगीन धाराओं में हैं। हालांकि आरोपी की ओर से इसका प्रतिवाद करते हुए कहा गया कि सभी मामले उप्र में दर्ज हैं और एक भी मामले में वह अभी तक दोषी साबित नहीं हो पाये हैं।
उन्होंने कहा कि सभी मामले उनके विरोधियों ने षड्यंत्र के तहत दर्ज कराये हैं। वह शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रह चुके हैं। इसीलिये उनके खिलाफ झूठे अभियोग दर्ज कराये गये हैं। आरोपी की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र में कहा गया कि उन पर धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप गलत हैं। इसी मामले में सह आरोपी रहे यति नरसिंहानंद को हरिद्वार की निचली अदालत से जमानत मिल चुकी है।
अपने मोबाइल पर ताज़ा अपडेट पाने के लिए –
👉 व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें
👉 यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें
हमारे इस नंबर 7351098124 को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ें