हल्द्वानी। आयुक्त दीपक रावत ने कैंप कार्यालय में अनेक जनसमस्याएं सुनी। इस दौरान आर्डन प्रोग्रेसिव स्कूल की शिक्षिका रही रेबेका के दो माह का वेतन न देने का मामला आयुक्त के पास पहुंचा। विद्यालय ने उन्हें इस वर्ष के माह जून और सितम्बर का वेतन नहीं दिया गया। उनका वेतन 52 हजार रुपए बनता है। आयुक्त के कहने पर विद्यालय ने बुधवार तक शिक्षिका को उनके शिक्षण के 52 हजार रुपए देने पर सहमति की। वहीं जमरानी बांध संघर्ष सिमली से आए प्रभावितों ने परियोजना के अंतर्गत पुनर्वास में डूब क्षेत्र के निवासरत परिवारों को बी से ए श्रेणी में करने की बात कही। उन्होंने बताया की उनका आवास डूब क्षेत्र के अंदर आता है। इन सभी के दो जगह घर होने के बावजूद भी ए श्रेणी से वंचित है और डीएम को आपत्ति की गई है।

पनियाबोर के मयंक बोरा ने कहा कि वे 2015 से 2022 तक अपनी मां सरस्वती देवी के ईलाज के लिए दिल्ली एम्स थे। उनकी मां कैंसर से पीड़ित थी और 2022 में उनकी मृत्यु हो गई। उनका पैतृक घर डूब क्षेत्र में है किंतु उनको ए श्रेणी में शामिल नहीं किया गया। आयुक्त ने कहा कि आपने आपत्ति दर्ज की है, आपत्तियों का संतुष्टिपूर्ण समाधान न होने के बाद ही आप आयुक्त स्तर पर आपत्ति दर्ज कर सकते हैं।वनभूलपुलरा से आए किन्नर समुदाय ने अपनी समस्या रखी। किन्नरों की समस्या को लेकर मंडलायुक्त ने उन्हें एक सप्ताह का समय देते हुए आपसी समझौता करने को कहा। उन्होंने कहा कि अगर आपसी समझौते के बाद समाधान नहीं हुआ तो प्रशासनिक हस्तक्षेप से निपटारा किया जायेगा। इस दौरान लोगों ने भूमि, सड़क, बिजली, पानी से संबंधित समस्याएं पहुंची। उन्होंने जन समस्याओं का प्राथमिकता से निस्तारित करने के निर्देश दिए।