- चकबंदी कार्यालय मंगलौर में दाखिल खारिज के नाम पर मांगी थी रिश्वत, ट्रैप टीम ने 2100 रुपये लेते दबोचा
हरिद्वार। सरकारी कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर नकेल कसते हुए विजिलेंस देहरादून की ट्रैप टीम ने शुक्रवार को चकबंदी कार्यालय मंगलौर में तैनात लिपिक विनोद कुमार को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि विनोद कुमार ने दाखिला-खारिज के एवज में 2100 रुपये की मांग की थी। शिकायतकर्ता ने मामले की जानकारी विजिलेंस सेक्टर देहरादून को दी थी। शिकायतकर्ता के अनुसार, उसके भाई ने अपनी बुआ से एक प्लॉट खरीदा था और दाखिला-खारिज की प्रक्रिया में लिपिक द्वारा बार-बार रिश्वत की मांग की जा रही थी। शिकायतकर्ता रिश्वत नहीं देना चाहता था और इस भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहता था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए विजिलेंस की ट्रैप टीम ने योजना बनाकर लिपिक विनोद कुमार को रंगेहाथ पकड़ा, जब वह कार्यालय में 2100 रुपये की नकद रिश्वत ले रहा था। गिरफ्तारी मंगलौर के कुरुड़ी स्थित सहायक चकबंदी अधिकारी कार्यालय से की गई। गिरफ्तारी के बाद विनोद कुमार के निवास और अन्य ठिकानों पर विजिलेंस टीम की पूछताछ और तलाशी अभियान भी जारी है। सतर्कता निदेशक डॉ. वी. मुरुगेशन ने ट्रैप टीम की इस त्वरित कार्रवाई की सराहना करते हुए उन्हें नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है। विजिलेंस ने राज्य के नागरिकों से आह्वान किया है कि यदि कोई भी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी पदीय दायित्वों के निर्वहन में रिश्वत की मांग करता है, तो टोल फ्री नंबर 1064 या व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर 9456592300 पर सूचना देकर भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान में भागीदार बनें।