नैनीताल। उत्तराखंड के जनपद नैनीताल की धारी तहसील निवासी चन्दन सिंह गोनिया की बीती 1 जुलाई को अपने घर से अपनी ससुराल अमजड की ओर निकाल था, तभी से वह गुमशुदा हो गया था, जिसके बाद बीती 6 जुलाई को चन्दन सिंह गोनिया का शव डूंगरी धार के नीचे जंगल से बरामद किया गया था। जिसमें मृतक चन्दन सिंह गोनिया के भाई सुरेश गोनिया ने थाना मुक्तेश्वर पुलिस को तहरीर सौपी थी, जिसपर पुलिस ने संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की। मामले का खुलासा करते हुए नैनीताल पुलिस ने बताया कि बीती 27 जुलाई को मृतक की पत्नी यशवंती, साले दिनेश रावत व मृतक की पत्नी के जीजा नरेंद्र मेवाड़ी का पॉलिग्राम टेस्ट कराया था। तथा घटनास्थल दूरस्थ राजस्व क्षेत्र होने व उचित संसाधन ना होने के कारण पुलिस महानिदेशक कुमाऊं परिक्षेत्र व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल द्वारा क्षेत्र अधिकारी भवाली प्रमोद शाह के नेतृत्व में हत्याकांड के अनावरण हेतु एक एसआईटी टीम का गठन किया। तथा जनपद एसओजी को भी प्रकरण के अनावरण हेतु लगाया गया।
प्रकरण की संवेदनशीलता होने के कारण वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल द्वारा अभियोग में नियमित रूप से समीक्षा की गई तथा आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए व पुलिस अधीक्षक अपराध व क्षेत्राधिकारी भवाली द्वारा भी घटना का अनावरण हेतु कई दिन तक घटनास्थल के पास कैम्प किया गया तथा एसआईटी टीम व एसओजी द्वारा गांव-गांव जाकर लगभग ढाई सौ से अधिक लोगों से घटना के संबंध में पूछताछ की। पूछताछ के दौरान मृतक की ससुराल पक्ष के कथन बार-बार बदलते देखे तथा शक उपरांत हुआ कि 29 मई को रामलीला देखने आई यशवंती ने 1 जून को ही चंदन को क्यों बुला लिया। बताया जा रहा है कि यशवंती व चंदन का विवाह लगभग 3 वर्ष पूर्व हुआ था, दोनों दंपति में कुछ बातों को लेकर जीवन ठीक नहीं चल रहा था। यशवंती अपने पति चंदन से मुक्त होना चाहती थी, इसके लिए यशवंती ने दिनेश रावत को बहन होने का वास्ता दिया तथा कहा कि आज मैंने चंदन को बुलाया है, तुम उसे मार दो, नहीं तो मैं मर जाऊंगी।
पुलिस ने बताया कि बीती 1 जून 2022 को अमजड गांव में पूजा थी, तथा गांव में अधिकांश लोग पूजा में देवीधुरा गए थे। दिनेश भी अपने दोस्त कमल रावत के साथ देवीधुरा पूजा में गया था, जहाँ दिनेश ने अपनी बहन का दर्द सुनाया जिस पर कमल ने उसकी मदद को तैयार हो गया। जिसके बाद योजना बनाकर दिनेश ने अपने साथी कमल के फोन से मृतक चंदन को फोन किया और कहा कि तुम डूंगरी बैंड में ही रुकन जाओ और वही ही खा पीकर आएगा तथा शाम को रामलीला से दिनेश और कमल चुपचाप कमल की गाड़ी लेकर डूंगरी बैंड पहुंच गए तथा चंदन से हरेंद्र को फोन करवा कर इस बात का विश्वास दिला दिया कि वह गांव पहुंच गया है, उसे लेने आने वाले की आवश्यकता नहीं है। तथा दिनेश और कमल ने वहीं एक पत्थर से मारकर चंदन की हत्या कर दी गई तथा उसका शव नीचे जंगल में फेंक दिया तथा लोगों की नजर में बने रहने के लिए दोनों चुपचाप रामलीला में आ गए। कई चरणों की पूछताछ बाद अभियुक्तों के लगातार बदल रहे बयानों पर अपने दबाव पड़ता देख दिनेश रावत व कमल रावत तथा यशवंती ने अपना जुर्म कबूल कर लिया, जिन्हें चंदन की हत्या किए जाने के संबंध में गिरफ्तार किया गया। प्रकरण के अनावरण पर पुलिस टीम के उत्साहवर्धन हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल ₹5000 के इनाम की घोषणा की।