हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/नैनीताल। हरिद्वार महाकुंभ के दौरान कोरोना जांच में हुए फर्जीवाड़े के आरोप में जेल में बंद पंत दंपति व अन्य आरोपी के जमानत प्रार्थना पत्र पर अब दूसरी पीठ सुनवाई करेगी। न्यायमूर्ति खुल्बे की पीठ ने शुक्रवार को इस प्रकरण पर सुनवाई से इनकार कर दिया।
तीर्थनगरी हरिद्वार में पिछले साल प्रकाश में आये महाकुंभ कोरोना जांच फर्जीवाड़े में पुलिस ने आरोपी शरत पंत व उनकी पत्नी मल्लिका पंत के अलावा आशीष वशिष्ठ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। हालांकि पंत दंपति की ओर से गिरफ्तारी से बचने के लिये अदालत का दरवाजा खटखटाया गया लेकिन उन्हें बहुत अधिक राहत नहीं मिल पायी।
इसके बाद तीनों आरोपियों ने उच्च न्यायालय में अलग अलग जमानत प्रार्थना पत्र पेश किया। आज अदालत ने इस प्रकरण में सुनवाई से इनकार कर दिया। अब कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा इस मामले की सुनवाई के लिये नयी पीठ का गठन करेंगे। इससे साफ है कि आरोपियों की कुछ हद तक मुसीबत बढ़ गयी है।
आरोपियों पर कोरोना की फर्जी जांच के नाम पर सरकारी धन को हड़पने का आरोप है। शासन के संज्ञान में आने के बाद इस मामले में गंभीर रूख अख्तियार किया गया और प्रकरण की जांच के आदेश दे दिये। हरिद्वार के मुख्य चिकित्साधिकारी की ओर से आरोपियों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत किया गया।
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