हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/रामनगर। उत्तराखंड के नैनीताल जिले की रामनगर पुलिस ने विदेश भेजने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले गिरोह के दो और सदस्यों को दिल्ली व नोएडा से गिरफ्तार किया है। गिरोह के सरगना को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। नैनीताल पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इसी साल 18 जनवरी को रामनगर के हरिपुर छोई के रहने वाले रमेश चंद्र ने पुलिस को तहरीर देकर कहा कि विदेश भेजने के नाम पर कुछ लोगों ने उससे 53.32 लाख रुपये हड़प लिये। इसके बाद पुलिस ने राजीव, दिनेश कुमार, जोगेन्द्र कुमार, अमरजीत व अतुल, निशांत अरोरा व राजकुमार कुल सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने सावर सिंह को पिछले महीने सात मार्च को गिरफ्तार कर लिया था।
कल शुक्रवार को रामनगर पुलिस को सफलता हाथ लगी और पुलिस ने गिरोह के दो और सदस्यों नितिन श्रीवास्तव उर्फ दिनेश निवासी 15/25 कमालपुर, कमल विहार पश्चिमी, संतनगर, बुराड़ी, दिल्ली हाल निवासी 78, गली नंबर-2, भरत बिहार, ककरौला, द्वारका, सैक्टर-14, उत्तरी दिल्ली व राजीव निवासी बंथरा उर्फ नगला जैतीपुर, तहसील तिलहर, शाहजहांपुर हाल निवासी सेक्टर-62, वजीदपुर, फोर्टिस अस्पताल के पास, नोएडा को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के पास से 13 पासपोर्ट, 10 एटीएम कार्ड, एक कनाडा का वीजा व अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं। पुलिस जांच में जो तथ्य हाथ लगे वह चौंकाने वाले हैं। पुलिस के अनुसार यह गिरोह अभी तक 100 से अधिक लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठगी का शिकार बना चुका है। आरोपी बेहद शातिर किस्म के अपराधी हैं और वह योजनाबद्ध तरीके से लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे।
पुलिस के अनुसार आरोपियों की ओर से पहले फर्जी आईडी के माध्यम से फेसबुक पर कनाडा भेजने के लिये विज्ञापन दिया जाता था। आरोपी इसमें मोबाइल नंबर भी डालते थे। इसके बाद ग्राहकों को ठगने का सिलसिला शुरू हो जाता था। विज्ञापन में साफ साफ लिखा होता था कि पहले कोई पैसा नहीं, वीजा मिलने के बाद भगुतान करें। आरोपी अपनी पहचान छिपाये रखते थे और फर्जी नाम से पूरा कारोबार करते थे।
इससे लोग इनके झांसे में आ जाते थे और मोबाइल नंबर पर फोन करते थे। इसके बाद आरोपी उन्हें अपने जाल में फंसा लेते थे। गिरोह के सदस्य पहले उनके पासपोर्ट की स्कैन कॉपी मंगाते थे। फिर कुछ दिन बाद दिल्ली बुलाकर उनसे मूल प्रति ले लेते थे। लोगों को भरोसा दिलाने के लिये उन्हें दिल्ली की सैर भी करायी जाती थी। जब लोग पूरी तरह से इन पर विश्वास कर लेते तो फिर उन्हें कनाडा में होटल में नौकरी देने के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र, वीजा की प्रति व अन्य दस्तावेज भेज दिये जाते। साथ ही पांच दिन के अंदर फर्जी खातों में पूरी रकम ले ली जाती।
आरोपियों की ओर से खाते खोलने के लिये उप्र व बिहार से लड़कों को बुलाकर फर्जी आईडी से खाते खुलवाये जाते थे। पैसे मिलने के बाद मोबाइल व सिम तोड़ कर फेंक देते थे। गिरोह का सरगना साबर सिंह लूटी गयी रकम का 80 प्रतिशत अपने पास रखता था और 20 प्रतिशत अन्य सदस्यों को बांट देता था। पुलिस को जांच में पता चला कि आरोपी अभी तक वह 100 लोगों को ठगी का शिकार बना चुका है। सरगना सावर सिंह ने शिकायतकर्ता रमेश चंद्र से 53,32,996 रुपये की राजीव के नाम से फर्जी खाते में मंगवायी थी। इस गिरोह के सदस्य रामनगर भी घूम कर गये हैं।
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