संवाददाता- अरक़म सिद्दीकी
हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/हल्द्वानी। ठेला, फड़, वेंडर्स कल्याण समिति के द्वारा एक ज्ञापन नगर फेरी समिति के अध्यक्ष नगर निगम हल्द्वानी-काठगोदाम विजेंद्र सिंह चौहान को रेहड़ी पटरी वालों के उत्पीड़न के संबंध में सौपा।
ज्ञापन में उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के शिकार रेहडी पटरी वाले अपने परिवार का भरण-पोषण करने में असमर्थ सिद्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहा पथ विक्रेता अधिनियम 2014 के अनुसार उत्पीडन से पूर्व व्यवस्थापन आवश्यक है एवं नियमावली 25 मई, 2016 के अनुरूप 27 अगस्त 2021 से सुशीला तिवारी पर लगाये जा रहे ठेले, खोमचे वालों को हटा कारोबार बंद कर दिया गया।
उन्होंने कहा समस्त रेहडी पटरी वालों के द्वारा 25, 15, 40 तहबाजारी के रूप में कर अदा करते हुए नगर निगम विकास में सहायक सिद्ध है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री स्वरोजगार अन्तर्गत 10,000 /- रू० का ऋण प्राप्त है, किसी प्रकार की शासन-प्रशासन, नगर निगम द्वारा
कोई आर्थिक सहायता प्रदान नहीं की गयी है और बैंक किस्त 984/- रू० अदा करनी है, ना करने पर डिफॉल्टर होगा और जब रोजगार नहीं होगा तो किस्त, परिवार
का भरण-पोषण ऋण अदायगी, निगम विकास किस प्रकार सम्भव है।
साथ ही उन्होंने कहा पथ विक्रेता अधिनियम 2014 नियमावली 25 मई 2016 का पालन करते हुए प्रशासन, पुलिस प्रशासन, नगर निगम द्वारा अतिक्रमण, जाम
के नाम पर हटाये गये समस्त रेहड़ी पटरी वालों को कारोबार करने की व्यवस्था करें।
वही सहायक नगर आयुक्त व अध्यक्ष नगर फेरी समिति विजेंद्र चौहान द्वारा बताया गया कि सुशीला तिवारी हॉस्पिटल के सामने वेंडर जोन है, जिसमें फल आदि के ठेले लगते हैं।
उन्होंने बताया कि ठेले वालों को शिकायत है, कि स्थानीय पुलिस द्वारा वहां से उनके ठेले हटा दिए गए तथा चालान भी किया जा रहा है और वह बेरोजगार हो गए हैं।
जिस पर निगम द्वारा पुलिस क्षेत्राधिकारी से बात की गई है कि वेंडर ज़ोन के अंतर्गत वहां ठेले लगने दिए जाए।
जिस पर शांतनु पाराशर पुलिस क्षेत्राधिकारी द्वारा नियमानुसार ठेले लगाने की बात कही गई है, अगर नियम विरुद्ध वहां ठेले लगते हैं तथा ठेले वालों के द्वारा अतिक्रमण किया जाता है, तो पुलिस तथा नगर निगम अपनी विधिक कार्यवाही करेगी।
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