हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन 10 विधेयकों के अधिनियम बनने के साथ ही छह अन्य विधेयक सदन के पटल पर प्रस्तुत किये गए।
विधानसभा सचिव ने यह जानकारी दी। जिन विधेयकों को अधिनियम के रूप में स्वीकृति दी गयी, उनमें उत्तराखण्ड विनियोग विधेयक, 2021, उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1959) (संशोधन) विधेयक, 2021, उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1916) (संशोधन) विधेयक, 2021 को राज्यपाल की अनुमति के बाद अधिनियम घोषित किया गया। इसके साथ, इक्फाई विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021, उत्तराखण्ड पंचायतीराज (संशोधन) विधेयक, 2021, उत्तराखण्ड राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन (प्रोत्साहन एवं सुविधा) (संशोधन) विधेयक शामिल है।
उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2021, सूरजमल विश्वविद्यालय विधेयक, 2021, स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय विधेयक, 2021 सहित देव भूमि उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय विधेयक, 2021, जो विधान सभा द्वारा दिनांक 06 मार्च, 2021 को पारित किया गया था, पर राज्यपाल की अनुमति दिनांक 15 जुलाई, 2021 को प्राप्त हो गयी और वह उत्तराखण्ड का वर्ष 2021 का सत्रहवां अधिनियम बन गया।
इसके अतिरिक्त, आज सदन के पटल पर आइएमएस यूनिसन विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, डीआइटी विश्वविद्यालय(संशोधन) विधेयक, उत्तराखंड माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक और हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक पुनर्स्थापित हुआ। इनके अतिरिक्त, उत्तराखंड फल पौधशाला (विनियमन) विधेयक और उत्तराखंड नगर निकायों एवं प्राधिकरणों के लिए विशेष प्रविधान (संशोधन) विधेयक कुल 06 विधेयक पुनर्स्थापित हुये।
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