हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/देहरादून। उत्तराखण्ड में 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले अभी तक 15940 दिव्यांग और 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ मतदाताओं को घर पर ही पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान कराया गया है। भारी हिमपात जैसी विपरीत परिस्थितियों में भी 10 से 15 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करके 2241 पोलिंग पार्टियों ने स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शिता से यह प्रक्रिया पूरी की है।
राज्य निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के अनुसार कुल 17068 दिव्यांग मतदाताओं और 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ मतदाताओं को घर पर ही मतदान के लिए पोस्टल बैलेट जारी किये गये हैं। राज्य की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों एवं वर्तमान प्रतिकूल मौसम को दृष्टिगत रखते हुए 35 पोलिंग पार्टी को मतदान की तिथि से तीन दिन पहले एवं 1442 पोलिंग पार्टी मतदान की तिथि से दो दिन पूर्व रवाना किया गया जिसके क्रम में जनपद पिथौरागढ़ के धारचूला विधानसभा की 18 पोलिंग पार्टी एवं जनपद उत्तरकाशी को 17 पोलिंग पार्टी द्वारा मतदान दिवस से तीन दिन पूर्व अर्थात दिनांक 11 फरवरी को प्रस्थान किया गया यह समस्त पोलिंग पार्टी मतदान स्थल से पहले निर्धारित स्थान पर रात्रि विश्राम करेंगी। इनमें सर्वाधिक पैदल दूरी पर धारचूला विधानसभा की राजकीय प्राथमिक विद्यालय मनार की पोलिंग पार्टी जो 18 किमी पैदल चलकर बूथ तक पहुंचेगी। जनपद उत्तरकाशी की पुरोला विधानसभा में 13 किमी पैदल मार्ग पर स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय कलाप 14 किमी पैदल राजकीय प्राथमिक विद्यालय ओसला बूथों की पार्टी सम्मिलित हैं।
इसी प्रकार मतदान केन्द्र से दो दिन पूर्व आज जनपद हरिद्वार और उधमसिंह नगर के अतिरिक्त अन्य समस्त जनपदों की 1442 पोलिंग पार्टियों द्वारा प्रस्थान किया गया है। जिसमें जनपद चमोली की बद्रीनाथ विधानसभा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, डुमक जो 20 किमी पैदल रास्ते पर स्थित बूथ एवं जनपद देहरादून की चकराता विधानसभा का जनपद मुख्यालय से 250 किमी दूरी पर स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय डागूटा सम्मिलित है।
उत्तराखण्ड में विषम भौगोलिक अवस्थिति के कारण अधिक संख्या में ऐसे पोलिंग बूथ हैं, जहाँ कई किलोमीटर पैदल चलकर ही पहुॅचा जा सकता है। राज्य के विभिन्न जनपदों में 262 मतदान केन्द्र सड़क मार्ग से पांच किमी से अधिक की पैदल दूरी पर स्थित हैं। जिसमें से 33 बूथ 10 किमी से अधिक की पैदल दूरी पर स्थित है।
उल्लेखनीय है कि समावेशी एवं सुगम निर्वाचन के उद्देश्य से भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इस बार 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं और दिव्यांग मतदाताओं को घर पर ही पोस्टल बैलट के माध्यम से वोटिंग का विकल्प उपलब्ध कराया गया। बुजुर्गों और दिव्यांग मतदाताओं ने इसका स्वागत किया। निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए पूरी पारदर्शिता के साथ इच्छुक, 80 प्लस एवं दिव्यांग मतदाताओं को पोस्टल बैलट से वोटिंग करवाया गया।
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