हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/देहरादून। उत्तराखंड में उपजे नये राजनीतिक घटनाक्रम पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत के बेहद करीबी माने जाने वाले गोविंद सिंह कुंजवाल और प्रदीप टमटा ने कहा कि वर्ष 2016 के साजिशकर्ताओं को किसी भी दशा में पार्टी में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष तथा जागेश्वर के विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने वर्ष 2016 की घटना को याद करते हुए कहा कि तब जो हुआ वह अक्षम्य है। तब राज्य को अस्थिर करने की साजिश के साथ ही लोकतंत्र की हत्या की गयी। एक चुनी हुई सरकार को गिराने का काम किया गया। ऐसे लोगों को पार्टी में शामिल करना तो दूर, शामिल करने के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए।
यही विचार राज्यसभा सांसद तथा हरीश रावत के बेहद करीबी माने जाने वाले प्रदीप टमटा की ओर से भी व्यक्त किये गये। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में लोकतंत्र का गला घोंटने का काम किया गया। ऐसे लोगों को किसी भी दशा में पार्टी में शामिल करना दुर्भाग्यपूर्ण होगा। कांग्रेस उत्तराखंड ही नहीं देश की जनता को क्या मुंह दिखायेगी। ऐसे लोगों को किसी भी दशा में पार्टी में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के संचालक हरीश रावत के माफी मांगने के बयान पर साफगोई से कहा कि यदि हरक सिंह रावत माफी भी मांगें तो भी उन्हें शामिल नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस सत्ता में आ रही है। इसके बावजूद हरक सिंह रावत जैसे लोगों को पार्टी में शामिल किया जाता है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण होगा।
उन्होंने यशपाल आर्य और उनके सुपुत्र संजीव आर्य की कांग्रेस में वापसी को अलग मामला बताया। उन्होंने कहा कि यशपाल आर्य मुश्किल घड़ी में सरकार के साथ खड़े थे और वित्त विधेयक जैसे मामलों में उन्होंने सरकार का साथ दिया। देखना है कि अब हरीश रावत तथा कांग्रेस आलाकमान हरक सिंह रावत के मामले में क्या फैसला लेता है।
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