संवाददाता- अरक़म सिद्दीकी
हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/हल्द्वानी। शायद ही कोई ऐसे इमाम होंगे जिनके इंतेक़ाल पर पूरा शहर रोया होगा। एक ऐसे ही इमाम मौलाना अब्दुल गफूर नईमी साहब थे, जिन्हें शहर के ज़्यादातर लोग कारी गफूर साहब के नाम से जानते थे। कारी गफूर साहब का विगत दिवस 27 अक्टूबर को इंतेक़ाल होगा, जिस बाद जैसे-जैसे कारी गफूर साहब के इंतेक़ाल की खबर फैली वैसे-वैसे शहर व बाहर के लोग का कारी गफूर साहब को देखने के लिए उनके बनभूलपुरा लाइन न0 16 स्थित घर मे तांता लगा रहा।
आपको बता दें कि कारी गफूर साहब ने वर्ष 1972 से वर्ष 1982 तक जामा मस्जिद हल्द्वानी की इमामत की तथा जिसके बाद वर्ष 1982 से मस्जिद ग़फ़्फ़ारी और मदरसा तालिब उल इस्लाम की संग ए बुनियाद से लेकर मस्जिद तामीर में अहम क़िरदार निभाया। साथ ही मस्जिद ग़फ़्फ़ारी में 30 साल ईमामत के साथ करीब 38 साल मदरसा तालिब उल इस्लाम में कामयाब मुदर्रिस रहे। उनके शागिर्दों की एक फेहरिस्त है जो आज ख़िदमत-ए-दीन को अंजाम दे रहे हैं।
वही आज 28 अक्टूबर बृहस्पतिवार को लाइन न0 17 स्थित गफ्फरी मस्जिद में कारी गफूर साहब की नमाज़-ए-जनाज़ा पढ़ाई गई, इस दौरान शहर के काफी लोगो ने नमाज़-ए-जनाज़ा में अपनी शिरकत दी तथा कारी गफूर साहब के लिए मगफिरत की दुआ की। जिसके बाद कारी गफूर साहब को बरेली रोड स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-ख़ाक किया।
अपने मोबाइल पर ताज़ा अपडेट पाने के लिए –
व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें
यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें
हमारे इस नंबर 7351098124 को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ें