हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/नैनीताल। उत्तराखंड के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं ऋषिकेश से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नव निर्वाचित विधायक प्रेम चंद्र अग्रवाल के चुनाव को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गयी है। आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में अग्रवाल के चुनाव को खारिज करने की मांग की गयी है। अदालत ने फिलहाल याचिकाकर्ता को फिलहाल 24 घंटे के अंदर याचिका में मौजूद कमियों को दूर करने के निर्देश दिये हैं।
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि भाजपा प्रत्याशी प्रेमचंद्र अग्रवाल की ओर से चुनाव में विवेकाधीन कोष का दुरुपयोग किया गया है। आदर्श आचार संहिता के दौरान मतदाताओं को विवेकाधीन कोष के डिमांड ड्राफ्ट वितरित किये गये हैं। याचिकाकर्ता की ओर से विवेकाधीन कोष से लगभग पांच करोड़ की धनराशि के वितरण का आरोप लगाया गया है।
याचिकाकर्ता की ओर से इस मामले की जांच की मांग के साथ ही भाजपा प्रत्याशी का चुनाव रद्द करने की मांग की गयी है। साथ ही 4975 रुपये की धनराशि के दो डिमांड ड्राफ्ट भी याचिका में संलग्न किये गये हैं। अदालत ने हालांकि याचिकाकर्ता से कई सवाल किये। अदालत ने कहा कि विवेकाधीन कोष का वितरण एक प्रक्रिया के अधीन किया जाता है। उसके लिये पूरी प्रक्रिया निर्धारित है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि प्रतिवादी की ओर से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया गया है।
जो डिमांड ड्राफ्ट वितरित किये गये हैं, वह तीन और नौ फरवरी की अवधि के हैं और इस दौरान प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू रही है। अदालत ने हालांकि इस मामले में सुनवाई से पहले याचिकाकर्ता से याचिका में मौजूद कमियों को दूर करने के निर्देश दिये। याचिकाकर्ता की ओर से कमियों को दूर करने के लिये 24 घंटे का समय मांगा गया। जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया। अब इस मामले में 24 मार्च (गुरूवार) को सुनवाई हो सकती है।
याचिकाकर्ता की ओर से इस प्रकरण में मुख्य निर्वाचन आयुक्त, जिला निर्वाचन अधिकारी व स्थानीय रिटर्निंग अधिकारी के साथ ही श्री अग्रवाल को पक्षकार बनाया गया है।
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