हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/नैनीताल। उत्तराखंड के नैनीताल स्थित भ्रष्टाचार निवारण अदालत ने गुरुवार को अवैध हथियार की आड़ में दो आरोपियों के परिजनों से फिरौती मांगने के आरोपी पुलिस के दो सिपाहियों को तीन-तीन साल व दो सह अभियुक्तों को एक-एक साल की सजा सुनाई है। प्रकरण वर्ष 2014 का है। हल्द्वानी के मल्ला गोरखपुर निवासी विजय पाठक को एक अदद लाइंसेंसी पिस्तौल की आवश्यकता थी। विजय पाठक के भाई संजय पाठक को उसके मित्र उस्मान ने बताया कि काशीपुर उसके ममेरे भाई इदरीश के पास लाइसेंसी पिस्तौल है। गत 29 मार्च, 2014 को संजय व उस्मान पिस्तौल देखने के लिये काशीपुर पहुंचे। बताया जाता है कि दोनों को वह पसंद नहीं आयी और उन्होंने खरीदने से इनकार कर दिया। वापस लौटते वक्त दोनों को रेलवे फाटक के पास चार लोग मिले। जिनमें दो सिपाही गोविंद प्रसाद, विजेन्द्र नेगी के अलावा इदरीश के ताज मोहम्मद शामिल थे। चारों लोग दोनों को स्थानयी एक होटल में ले गये और उन्हें बंदी बना लिया। उनकी जमकर पिटायी की और उसके बाद परिजनों को फोन कर छह लाख रुपये की फिरौती मांगी गयी।
सूचना मिलते ही परिजन होटल पहुंचे और बंदियों को छुड़ाने के लिये कुछ फिरौती की रकम दी। संजय पाठक के भाई विजय पाठक तत्काल काशीपुर थाना पहुंचे और इस प्रकरण की शिकायत की। तत्कालीन थाना प्रभारी बहादुर सिंह मौके पर पहुंचे और चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मामले की सुनवाई नैनीताल की विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण) की अदालत में हुई। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश प्रीतू शर्मा ने दोनों सिपाहियों को तीन-तीन साल व सह अभियुक्तों को एक-एक साल की सजा सुनाई। अदालत ने चारों को दो दिन पूर्व दोषी माना था और सजा के लिये आज की तिथि नियुक्त कर दी थी।
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