- मानवता को झकझोर देने वाली वारदात, हर चुनौती से भिड़कर हरिद्वार पुलिस ने किया पर्दाफाश
हरिद्वार। कोतवाली नगर क्षेत्र अंतर्गत रोडीबेलवाला की झुग्गियों में रह रही एक अबोध बच्ची की निर्मम हत्या के मामले में हरिद्वार पुलिस ने न केवल तफ्तीश में इंसानी हदें पार करने वाला सच उजागर किया, बल्कि आरोपी को बेहद कठिन परिस्थितियों के बावजूद धर दबोचा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के नेतृत्व में गठित पुलिस टीमों ने डिजिटल संसाधनों के अभाव में महज मैनुअल पुलिसिंग के सहारे आरोपी सूरज को लक्सर स्थित एक खंडहर से गिरफ्तार किया। गौरतलब है कि 15 मई को बच्ची के पिता ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनकी चार वर्षीय बेटी को एक युवक सूरज लेकर कहीं चला गया है। सूरज पिछले कुछ महीनों से उन्हीं की झुग्गी में रह रहा था और कबाड़ बीनने का काम करता था।आरोपी की तलाश जारी थी कि 16 मई को रेलवे ट्रैक की सुरंग से बच्ची का शव बरामद हुआ।
पोस्टमार्टम के बाद मामला साफ हो गया कि यह हत्या है। पुलिस ने तत्काल हत्या की धाराएं बढ़ाते हुए जांच तेज कर दी। मामला अंधेरे में सुई खोजने जैसा था। आरोपी मोबाइल या किसी डिजिटल माध्यम का इस्तेमाल नहीं करता था, उसका कोई स्थायी ठिकाना भी नहीं था। बावजूद इसके पुलिस टीमों ने हरिद्वार से सहारनपुर तक करीब 700 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। सैकड़ों लोगों से पूछताछ की गई और सोशल मीडिया के जरिये आमजन से भी सहयोग मांगा गया। कई दिन की अथक मेहनत के बाद आखिरकार आरोपी को लक्सर की कबाड़ी बस्ती से एक खंडहर के पास से दबोच लिया गया। पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया कि वह मृतका की मां के साथ अवैध संबंध रखता था और बच्ची के पिता द्वारा रंगे हाथ पकड़े जाने पर उसकी बेइज्जती हुई थी।
इसी अपमान का बदला लेने के लिए उसने बच्ची को बहला-फुसलाकर रेलवे सुरंग में ले जाकर गला घोंटकर हत्या कर दी। पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने इस केस को अंजाम तक पहुंचाने वाली टीम को व्यक्तिगत रूप से सराहते हुए प्रशंसा की और 5,000 रुपये का इनाम घोषित किया, जबकि गढ़वाल रेंज के आईजी ने टीम को 25,000 रुपये के ईनाम की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इस अंधेरे से भरे केस में पुलिस टीम का काम वाकई सराहनीय और पेशेवर प्रतिबद्धता का उदाहरण है।