एजेंसी
हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/रामनगर। उत्तराखंड के रामनगर विधानसभा से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को कांग्रेस का अधिकृत उम्मीदवार घोषित करने के बाद हरीश रावत के धुर विरोधी व पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत के समर्थकों में ऊबाल आ गया। कांग्रेस यहां दो फाड़ की स्थिति में पहुंच गयी। दिनभर हंगामे के बाद रणजीत रावत ने पार्टी आलाकमान को अपने निर्णय पर विचार करने के लिये 24 घंटे की मोहलत दी है।
हरीश रावत को पार्टी का प्रत्याशी घोषित किये जाने के बाद मंगलवार सुबह से रामनगर का माहौल एकदम गर्म हो गया। यहां की ठंडी तासीर में अचानक गर्माहट आ गयी। रणजीत रावत के समर्थक आज सड़कों पर उतर आये। उनमें भारी नाराजगी देखने को मिली। साथ ही उन्होंने पार्टी के फैसले का खुलकर विरोध किया।
रणजीत के समर्थक सुबह से उनके घर पर जुटने लगे। सैकड़ों की संख्या में भीड़ एकत्र हो गयी। वे दिन भर रणजीत रावत को घेरे रहे और उनसे निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिये दबाव बनाते रहे। देर शाम तक उनके समर्थक उनके पक्ष में नारे लगाते रहे। अंत में उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी आलाकमान को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिये बुधवार तक का समय दिया है। इसके बाद ही कोई निर्णय लेंगे।
गौरतलब है कि कभी एक-दूसरे के खासमखास रहे हरीश व रणजीत आजकल एक दूसरे के धुर विरोधी हैं। कांग्रेस आलाकमान ने भी आग में घी डालने का काम कर दोनों के बीच की शत्रुता को बढ़ाने का काम किया है। रामनगर विधानसभा से प्रबल दावेदार रणजीत रावत का टिकट काटकर हरीश रावत का नाम घोषित कर दिया। बताया जाता है कि हरीश रावत के दबाव में यह कदम उठाया गया।
इस खबर से रणजीत रावत समर्थकों में नाराजगी फैल गयी। रणजीत समर्थकों के अलावा आम लोगों ने भी इसका विरोध किया और कहा कि रणजीत रावत ने पिछले पांच साल जनता के बीच रहकर काफी मेहनत की है। वह हर वक्त जनता के दुख व दर्द में शामिल रहे। अंत में आलाकमान ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष का ही टिकट काट दिया।
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