देहरादून। उत्तराखंड के चिकित्सा शिक्षा विभाग में लंबे समय से प्रमोशन का इंतजार कर रहे मेडिकल फैकल्टी के लिए खुशखबरी है। सरकार ने इस साल विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के रिक्त पदों पर 56 संकाय सदस्यों की पदोन्नति को मंजूरी दे दी है। इन चयनित संकाय सदस्यों की विभिन्न राजकीय मेडिकल कॉलेजों में विषयवार पदस्थापना भी कर दी गई है। इससे प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण संबंधी गतिविधियों में तेजी आएगी और फैकल्टी की कमी भी दूर होगी।उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड द्वारा चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय मेडिकल कॉलेजों में एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर के रिक्त पदों पर कुल 56 मेडिकल फैकल्टी के प्रमोशन की संस्तुति की गई थी, जिसे राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसमें 34 असिस्टेंट प्रोफेसर को एसोसिएट प्रोफेसर और 22 एसोसिएट प्रोफेसर को प्रोफेसर के पद पर संकायवार और विषयवार पदोन्नति दी गई है।
असिस्टेंट प्रोफेसर से एसोसिएट प्रोफेसर के 34 पदों पर की गई पदोन्नति के तहत विभिन्न संकायों में प्रोन्नति दी गई है, जिनमें एनेस्थिसियोलॉजी, पैथोलॉजी, कम्यूनिटी मेडिसिन, एनाटॉमी, फार्माकोलॉजी, जनरल मेडिसिन, पीडियाट्रिक्स, जनरल सर्जरी, गायनी, फिजियोलॉजी, बायोकैमिस्ट्री, ब्लड बैंक, माइक्रोबायोलॉजी, साइकेट्री, आर्थोपेडिक्स, ईएनटी, रेडियोथैरेपी, फिजिकल मेडिसिन, और न्यूरो सर्जरी शामिल हैं। इनमें से 20 फैकल्टी को दून मेडिकल कॉलेज, 6 को अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज, और 4-4 फैकल्टी को श्रीनगर एवं हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में तैनात किया गया है। इसी तरह, एसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर के 22 पदों पर की गई पदोन्नति के तहत विभिन्न विभागों में प्रोन्नति दी गई है, जिनमें एनाटॉमी, बायोकैमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी, कम्यूनिटी मेडिसिन, जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी, आप्थलमोलॉजी, पैथोलॉजी, फॉरेंसिक मेडिसिन, पीडियाट्रिक्स, स्किन एंड वीडी, आर्थोपेडिक्स, गायनी, एनेस्थिसियोलॉजी और डेंटिस्ट्री शामिल हैं।
इनमें से 12 प्रोफेसर को दून मेडिकल कॉलेज में तैनात किया गया है, जबकि श्रीनगर और हरिद्वार मेडिकल कॉलेज में 3-3, हल्द्वानी में 2 और रुद्रपुर व अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में 1-1 प्रोफेसर को तैनात किया गया है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री, डॉ. धन सिंह रावत ने कहा, “चिकित्सा शिक्षा विभाग में लंबे समय के बाद 34 असिस्टेंट प्रोफेसर और 22 एसोसिएट प्रोफेसर का प्रमोशन किया गया है। सरकार का लक्ष्य मेडिकल कॉलेजों में शत-प्रतिशत फैकल्टी की तैनाती करना है, और इसके लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।”