देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मंशा अनुरूप राज्य पुलिस के मुखिया (डीजीपी) अशोक कुमार ने मादक पदार्थों के बढ़ते प्रचलन को नियन्त्रित करने, इनके अवैध व्यापार की रोकथाम व प्रभावी कार्यवाही किये जाने हेतु त्रि-स्तरीय एण्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) एवं नार्को कोआर्डिनेशन सेंटर (एनसीओआरडी) सचिवालय का गठित किया है। एनसीओआरडी के अधीन परिक्षेत्रीय स्तर पर दो यूनिट एएनटीएफ गढ़वाल तथा कुमायूँ यूनिट कार्य करेंगी।
डीजीपी श्री कुमार ने बताया कि प्रदेश स्तर पर अपर पुलिस महानिदेशक/पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था के अधीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, विशेष कार्य बल नोडल अधिकारी होंगे। जबकि जनपद स्तर पर पुलिस अधीक्षक के अधीन पुलिस अधीक्षक अपराध, पुलिस उपाधीक्षक ऑपरेशन नोडल अधिकारी होंगे। उन्होंने बताया कि थाना स्तर पर थाना प्रभारी नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे।
कुमार ने बताया कि एण्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स हेतु पुलिस विभाग में उपलब्ध कार्मिकों से ही चयन किया जायेगा। राज्य स्तर पर गठित एएनटीएफ राज्य सरकार एवं एन0सी0बी0 की विभिन्न स्तरों पर होने वाली बैठकों में एनडीपीएस अधिनियम,1985 से सम्बन्धित आंकडे़, सूचनायें सहित प्रतिभाग करेगी। उन्होंने बताया कि यह जनपदों में स्थापित विभिन्न नशामुक्ति केन्द्रों के प्रतिनिधियों से समन्वय बनाकर उन केन्द्रों का नियमित रूप से भौतिक सत्यापन व मादक पदार्थों के बिक्रय और आपूर्ति करने वालों के सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही करेगी। यह फोर्स न्यायालयों द्वारा मादक द्रव्यों की रोकथाम हेतु दिये गये आदेशों एवं निर्णयों का समस्त जिलों से अनुपालन करवाने हेतु समन्वय बनायेगी।
डीजीपी ने बताया कि राज्य एण्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स में नियुक्त अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा अपने कार्य क्षेत्र में तलाशी, बरामदगी, गिरफ्तारी आदि की वही शक्तियां प्राप्त होगी, जो दण्ड प्रक्रिया संहिता एवं अन्य विधियों के अधीन पुलिस अधिकारियों को प्राप्त है। साथ ही यह टास्क फोर्स अपने कार्य क्षेत्र में स्थित किसी भी थाने में उक्त श्रेणी के व्यक्तियों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत करने एवं दण्ड प्रक्रिया संहिता के प्राविधानों के अनुरुप कार्रवाई करने हेतु सक्षम होगी।