एजेंसी/नैनीताल। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नैनीताल दौरे से उत्तराखंड उच्च न्यायालय की शिफ्टिंग की पहल को और बल मिल गया है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी से मुलाकात की। माना जा रहा है कि प्रदेश सरकार जल्द ही न्यायालय की शिफ्टिंग मामले में अधिसूचना जारी कर देगी। उच्च न्यायालय के नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट होने का मामला लंबे समय से चल रहा है। प्रदेश सरकार की ओर से हल्द्वानी के गौलापार में इसके लिये जमीन तलाश ली गयी है। मिली जानकारी के अनुसार भूमि का हस्तांतरण की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गयी है। कुछ समय पहले केन्द्र सरकार की ओर से भी राज्य सरकार को उच्च न्यायालय को हल्द्वानी शिफ्ट करने को लेकर सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी थी। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री व मुख्य न्यायाधीश की सोमवार की मुलाकात में इस मामले पर अंतिम मुहर लगी है। साथ ही सरकार जल्द ही इस मामले में अधिसूचना जारी कर देगी और इसके बाद आगे की कार्यवाही अमल में लायी जा सकेगी। इससे पहले मुख्यमंत्री धामी ऋषिकेश से सीधे नैनीताल पहुंचे और उन्होंने मुख्य न्यायाधीश से मुलाकात की।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने नैनीताल फ्लैट्स मैदान में आयोजित शिलान्यास व लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने नैनीताल विधानसभा के लिये 21997.75 लाख रूपये की विकास योजनाओं की सौगात दी। उन्होंने 142 योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि जिन योजनाओं का शिलान्यास किया जा रहा है, उन्हें धरातल पर उतारा जायेगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के 9 साल के कार्यकाल में प्रदेश में अभी तक 1.50 लाख करोड़ की योजनायें स्वीकृत हो चुकी हैं और उन पर तेजी से काम चल रहा है। उन्होंने आगे कहा कि उनकी सरकार प्रदेश में पलायन को रोकने के विजन पर कार्य कर रही है। इसके लिये रोजगार के अवसर तलाशे जा रहे हैं। इस मौके पर केन्द्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट भी शामिल रहे।
कार्यक्रम के दौरान सख्त धर्मांतरण कानून बनाये जाने को लेकर श्रीराम सेवा दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और उन्हें आभार पत्र एवं शॉल भेंट किया। दूसरी ओर युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के आगमन का विरोध किया और अंकिता हत्याकांड एवं यूकेएसएसएससी भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच की मांग के साथ ही महंगाई, बेरोजगारी को लेकर सरकार की नीति का विरोध किया।