हल्द्वानी। काठगोदाम स्थित सर्किट हाउस में कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने हल्द्वानी शहर में हाल में हुए जलभराव से निजात दिलाने के लिए संबंधित अधिकारियों की बैठक ली और तात्कालिक रूप से शहर में जलभराव की स्थिति से निपटने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था तलाशने के निर्देश दिए। इस दौरान नगर निगम, सिंचाई विभाग, जल संस्थान, लोक निर्माण विभाग को आपसी समन्वय से नहरों में ओवरफ्लो होने वाले स्थानों का चिन्हीकरण करते हुए सिंचाई की नहर की सफाई करने के निर्देश दिए। साथ ही बद्रीपुरा में घरों में पानी घुसने की स्थिति को रोकने के लिए सिंचाई विभाग की नहर में दीवार ऊंची करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। शहर में जल संस्थान के लीकेज चेक की कोई क्रियाविधि न होने पर मण्डलायुक्त ने नाराजगी व्यक्त करते हुए जलसंस्थान के अधिकारियों को 10 दिन के भीतर शहर के सारे लीकेज बन्द करने के निर्देश दिये। इस सम्बन्ध में सिटी मजिस्ट्रेट, हल्द्वानी को 10 दिन पश्चात जलसंस्थान के लीकेज को मौके पर निरिक्षण करने के निर्देश दिए।
विद्युत विभाग द्वारा प्रोएक्टिव होकर क्षेत्र के सड़े गले पोलों को स्वतः न बदलने की समस्या पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि विभाग शिकायतों के आधार पर पोलों को परिवर्तित करता है। जबकि विभाग को स्वयं प्रोएक्टिव होकर फील्ड सर्वे करना चाहिए। चीफ इंजीनियर यूपीसीएल को एक सप्ताह के भीतर अपनी परिसम्पत्तियों व जजर पोलों की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।एचपीसीएल की लचर कार्यप्रणाली पर रुख होते हुए मण्डलायुक्त ने एक सप्ताह के भीतर अवशेष सड़को को पुनः बहाल करने के निर्देश दिए। एचपीसीएल द्वारा गैस पाइप लाइन हेतु शहर में 91 किमी का खुदान कार्य किया गया था जिसमें से अभी 06 किमी सड़क को रिस्टोर किया जाना है। दो माह पूर्व जिलाधिकारी द्वारा भी एचपीसीएल की लचर कार्यप्रणाली के कारण नई सड़को के खुदान की अनुमति पर रोक लगाई गई है।
इस अवसर पर मेयर डॉ जोगिंदर पाल सिंह रौतेला, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी, डीएफओ संदीप कुमार, मुख्य नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय, सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, उप जिलाधिकारी सदर मनीष सिंह, अधिशासी अभियंता लोनिवि अशोक चौधरी, जल संस्थान एस के श्रीवास्तव , डी के सिंह, सिंचाई के एस बिष्ट सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।