- इग्नू के बाद अब उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय से भी पढ़ाई की व्यवस्था, 30 से अधिक बंदी पहले से ही कर रहे हैं पढ़ाई
हल्द्वानी। अब उत्तराखंड की हल्द्वानी जेल में बंद कैदियों को भी उच्च शिक्षा का सुनहरा अवसर मिलने जा रहा है।देहरादून, हरिद्वार और सितारगंज जेलों में शिक्षा के सफल मॉडल को देखते हुए उपकारागार हल्द्वानी में भी औपचारिक रूप से शैक्षणिक केंद्र खोलने की तैयारी की जा रही है। उप जेलर नीलम धामी ने बताया कि उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय (UOU) के साथ एमओयू की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और अगले एक-दो दिनों में इसे औपचारिक रूप से अंतिम रूप दे दिया जाएगा। इसके बाद जेल परिसर में ही यूओयू का सेंटर संचालित किया जाएगा।
इस समय जेल में लगभग 30 बंदी इग्नू (IGNOU) के तहत विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययन कर रहे हैं, जिनमें से अधिकांश को स्टडी मटीरियल प्राप्त हो चुका है। परीक्षा केंद्र के लिए हरिद्वार जेल से समन्वय किया जा रहा है ताकि उन्हें सुचारू रूप से परीक्षा देने का मौका मिल सके। साथ ही जुलाई सत्र से यूओयू में बंदियों के दाखिले के लिए भी प्रक्रिया तेज़ कर दी गई है। अब तक 30 से 40 बंदियों ने पढ़ाई में रुचि दिखाई है और जेल प्रशासन उनके परिवारजनों से संपर्क कर आवश्यक दस्तावेज़ जुटाने का प्रयास कर रहा है ताकि अधिक से अधिक बंदियों को शिक्षा का लाभ मिल सके।

उप जेलर
उप कारागार हल्द्वानी
उल्लेखनीय है कि हल्द्वानी जेल में शिक्षा के साथ-साथ आत्मनिर्भरता की दिशा में भी कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। यहां प्लंबिंग, कारपेंट्री, मोबाइल रिपेयरिंग, आर्ट, म्यूजिक, बेकरी, सिलाई और ब्यूटीशियन जैसे व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम पहले से संचालित हो रहे हैं, जिनका उद्देश्य बंदियों को सशक्त बनाना है। अब शिक्षा के क्षेत्र में भी बंदियों के लिए नए विकल्पों के द्वार खुलने जा रहे हैं। जेल प्रशासन का मानना है कि यह पहल न केवल बंदियों के आत्मविश्वास को बढ़ाएगी बल्कि समाज में पुनः एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में लौटने में भी उन्हें मदद करेगी।