एजेंसी/नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने एसिड अटैक के एक मामले में ऐतिहासिक निर्णय सुनाते हुए पीड़िता को 35 लाख रुपये की सहायता राशि देने का आदेश दिया है। साथ ही प्रदेश सरकार को उसके उपचार का सारा खर्च भी वहन करने को कहा है। इस मामले की सुनवाई आज वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकल पीठ में हुई। ऊधमसिंह नगर की जसपुर निवासी गुलनाज खान ने अदालत में याचिका दायर कर कहा कि 2014 में जब वह कक्षा 12 में पढ़ती थी तो स्कूल जाते वक्त एकतरफा प्यार में एक युवक ने उस पर एसिड फेंका था। इस घटना में वह 60 प्रतिशत जल गयी थी। उसका एक कान पूरी तरह से जल गया जबकि दूसरे कान की सुनने की क्षमता भी 50 प्रतिशत रह गयी। मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार चेहरा, छाती और शरीर के ऊपरी हिस्से में थर्ड डिग्री बर्न हो गया। इस घटना ने याचिकाकर्ता की जिदंगी को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया। इसके बाद याचिकाकर्ता की ओर से 2019 में मुआवजा के लिये उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि इस घटना से उसकी हसंती खेलती जिदंगी पूरी तरह से बदरंग हो गयी है। उसके पास जीने का कोई जरिया नहीं है। शारीरिक रूप से अक्षम होने के साथ ही समाज में उसकी स्वीकार्यता कम हो गयी है।
याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि उसके उपचार में लाखों रूपये खर्च हो गये हैं। सरकार राजनीतिक मामलों में करोड़ों लुटा देती है, लेकिन ऐसे मामलों में नाममात्र की सहायता राशि दी जाती है। याचिकाकर्ता की ओर से 50 लाख रुपये मुआवजा और उपचार का पूरा खर्च देने की मांग अदालत से की गयी।
सरकार की ओर से इसका विरोध करते हुए कहा गया कि याचिकाकर्ता को उच्च न्यायालय के बजाय उचित फोरम पर इस मामले का उठाना चाहिए। एक मामले में लाभ देने से हर कोई प्रतिपूर्ति के लिये अदालत का दरवाजा खटखटायेगा।
याचिकाकर्ता की अधिवक्ता स्निधा तिवारी ने बताया कि अदालत ने सरकार के तर्कों को दरकिनार करते हुए अंतिम सुनवाई के बाद प्रदेश सरकार को पीड़िता को 35 लाख रुपये की सहायता राशि देने के साथ ही उपचार का पूरा खर्च वहन करने के भी निर्देश दिये हैं। साथ ही यह भी कहा है कि पीड़िता जिस राज्य व जिस मेडिकल संस्थान में उपचार करायेगी उसका व एक सहायक का पूरा खर्च सरकार उठायेगी। एसिड अटैक के मामले में उच्च न्यायालय का यह ऐतिहासिक निर्णय माना जा रहा है। यह भी माना जा रहा है कि ऐसे मामलों में पूरे भारत वर्ष में मुआवजा के रूप में इतनी बड़ी रकम भुगतान का मामला अभी तक सामने नहीं आया है। उच्च न्यायालय ने इसी मामले में 2020 में एसिड पीड़िताओं के लिये अंतरिम आदेश पारित कर सरकार को सहायता राशि बढ़ाने और एक स्कीम जारी करने के निर्देश भी दिये थे। इसके बाद सरकार ने मुआवजा की रकम बढ़ा दी थी।