हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/नैनीताल। आपराधिक मामलों में फंसे जन प्रतिनिधियों सांसदों तथा विधायकों के खिलाफ अब प्रदेश में त्वरित सुनवाई हो सकेगी। इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय ने सरकार से जवाब मांगा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की अदालत में इस मामले की गुरुवार को सुनवाई हुई। सरकार की ओर से कहा गया कि प्रदेश में 10 सांसदों तथा विधायकों के खिलाफ विभिन्न अदालतों में आपराधिक मामले लंबित हैं। इसके बाद अदालत ने इस मामले में सरकार से आगामी तीन मार्च तक जवाब देने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई तीन मार्च को होगी।
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय की ओर से पिछले साल अगस्त में सभी उच्च न्यायालयों को सभी प्रदेशों में सांसदों तथा विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की त्वरित सुनवाई के निर्देश दिये गये थे। शीर्ष अदालत के निर्देश के बाद उच्च न्यायालय की ओर से इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया गया और इस मामले में याचिका दायर की गयी। उच्चतम न्यायालय के संज्ञान में आया कि कुछ राज्य सरकारें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 321 को आधार बनाकर जनप्रतिनिधियों खासकर सांसदों तथा विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमों को वापस ले रही हैं। इसके बाद अदालत ने इन मामलों के त्वरित निस्तारण के निर्देश दिये। इस मामले में प्रदेश के गृह सचिव, सचिव विधि एवं न्याय, सचिव वित्त एवं पुलिस महानिदेशक के साथ ही अन्य को पक्षकार बनाया गया है।
अपने मोबाइल पर ताज़ा अपडेट पाने के लिए –
👉 व्हाट्सएप ग्रुप को ज्वाइन करें
👉 यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें
हमारे इस नंबर 7351098124 को अपने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ें