एजेंसी/नैनीताल। उत्तराखंड में कूड़ा निस्तारण (ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन) को लेकर अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं किये जाने के मामले में सभी जिलाधिकारियों पर उच्च न्यायालय की गाज गिर सकती है। अदालत ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए मंगलवार को जिलाधिकारियों और सरकार से 2017 में जारी आदेश की अनुपालन रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की युगलपीठ में अल्मोड़ा निवासी जितेन्द्र यादव की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि प्रदेश में ठोस कूड़ा निस्तारण के मामले में ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन नियमावली, 2016 का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। किसी भी निकाय में कोई ठोस कदम नहीं उठाये गये हैं।
ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन के नाम पर बड़े शहरों एवं निकायों में डंपिंग जोन बनाये जा रहे हैं।
प्लास्टिक कूड़े के निस्तारण के लिये भी कोई ठोस योजना नहीं बनायी गयी है। इसी का परिणाम है कि शहरों में कूड़े के पहाड़ खड़े होते जा रहे हैं। याचिकाकर्ता की ओर से हल्द्वानी डंपिंग जोन का भी हवाला दिया गया। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि 2017 में उच्च न्यायालय की ओर से सभी जिलाधिकारियों और नगर निकायों को कूड़ा निस्तारण के मामले में विस्तृत आदेश जारी किये गये थे। साथ ही जिलाधिकारियों को छह महीने के अदंर नगर निकायों को भूमि उपलब्ध कर कूड़ा निस्तारण संयंत्र बनाने व सार्वजनिक जगहों में कूड़ा फैलाने वालों के खिलाफ ठोस कार्यवाही करने के निर्देश के दिये गये थे। अदालत की ओर से ही छह माह में प्रगति रिपोर्ट भी अदालत में पेश करने को कहा था लेकिन आदेश का अनुपालन नहीं किया गया है। इसके बाद अदालत में पेश की गयी।
याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया कि 13 में से नौ जिलाधिकारियों की ओर से प्रगति रिपोर्ट अदालत में पेश की गयी जिसमें कूड़ा निस्तारण के नाम पर सिर्फ कूड़ा फेंकने वालों के खिलाफ चालान करने की बात कही गयी है। अदालत की ओर से इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया गया और सभी जिलाधिकारियों व सरकार को आठ सितम्बर तक अनुपालन रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा है। अदालत ने अधिकारियों को स्पष्ट संकेत दिये कि पांच साल बाद भी अदालत के आदेश का अनुपालन नहीं किये जाने को लेकर सभी जिलाधिकारी पर अवमानना की तलवार लटक रही है। इससे पूर्व हल्द्वानी नगर निगम के आयुक्त पंकज उपाध्याय अवमानना के मामले में अदालत में व्यक्तिगत रूप से अदालत पेश हुए और उन्होंने कहा कि निगम की ओर से कूड़ा निस्तारण संयंत्र लगाने के लिये ठोस कदम उठाये जा रहे हैं। साथ ही एफटीआई रोड की खूबसूरती के लिये एक करोड़ रूपये की धनराशि जारी कर दी है। अदालत ने आयुक्त से एक माह बाद इस मामले में भी प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है।