देहरादून। उत्तराखंड में आगामी महीनों में डेंगू और चिकनगुनिया की आशंका को दृष्टिगत रख, स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को अलर्ट जारी किया है। साथ ही, स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने 20 बिन्दुओं की गाइडलाइंस भी जारी की हैं। उन्होंने डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग पर रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु अधिकारियों को ब्लाकवार माइक्रो प्लान बनाकर कार्यवाही करने केनिर्देश दिए हैं। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि घरों में पर्याप्त साफ सफाई रखें। कूलर, फूलदान, गमलों, कबाड़ में पानी इक्कठा न होने दें। डा राजेश ने सोमवार को बताया कि राज्य में डेंगू व चिकनगुनिया के रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उनकी रोकथाम व उपचार के लिए सभी जिलों को गाइड लाइन जारी की गई है।
जिलाधिकारियों व सीएमओ को 20 बीस महत्वपूर्ण बिंदुओं की गाइडलाइंस जारी की है। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञों के सुझाव पर डेंगू व चिकनगुनिया मरीजों के उपचार व रोकथाम के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि विगत वर्षों से डेंगू व चिकनगुनिया रोग राज्य में एक प्रमुख जन स्वास्थ्य समस्या के रूप में परिलक्षित हो रहा है। डेंगू एवं चिकनगुनिया रोग का वेक्टर एडिज मच्छर है। उन्होंने बताया कि जुलाई से नवम्बर माह तक का समय डेंगू वायरस के संक्रमण के लिये अनुकूल होता है। उन्होंने बताया कि डेंगू एवं चिकनगुनिया दोनो रोग एक मच्छर जनित रोग है, जो कि कूलर, फूलदान, गमले, खुली पानी की टंकी, पुराने टायर, एकत्रित कबाड, इत्यादि में जमा पानी में पैदा होते हैं। डेंगू रोग के रोकथाम के लिए जन सहभागिता अत्यन्त आवश्यक है।
स्वास्थ्य सचिव ने अधिकारियों को कहा कि इन दोनो रोग पर रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु ब्लाक वार माइक्रो प्लान बनाकर कार्यवाहिया करना सुनिश्चित करे व उक्त माइक्रोप्लान राज्य एन०वी०बी०डी०सी०पी० यूनिट को प्रेषित किये जायें। उन्होंने निर्देश दिए कि नगर निगमों द्वारा स्वच्छता अभियान चलाया जाये ताकि डेंगू रोग के मच्छरों को पनपने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि इसकी समुचित रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु अन्य समस्त विभागों की भी महत्वपूर्ण भागीदारी होती है। समस्त विभागों द्वारा डेंगू रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु उनके द्वारा की जाने वाली गतिविधियां समयान्तर्गत की जायें।