नैनीताल। हाईकोर्ट ने वन निगम द्वारा गौला नदी से उपखनिज ले जा रहे वाहनों की तोल इलेक्ट्रॉनिक धर्मकांटों से करने के बजाय मेनुअली फीते से करने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। हाईकोर्ट ने मामले में वन निगम व सरकार से पिछली सुनवाई में स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए कहा गया कि कांटों की इलेक्ट्रॉनिक टेंडरिंग की जा रही है। वह 11 तक बिड आवंटन भी हो जाएगा। न्यायालय ने कहा कि धर्म कांटे कब तक लगाये जायेंगे, इसकी निश्चित तिथि बताएं। उस दौरान शासन ने स्पष्ट किया गया कि 20 जनवरी तक इलेक्ट्रॉनिक कांटे लगा दिए जाएंगे। याचिकाकर्ता पीयूष जोशी के अधिवक्ता दुष्यंत मैलानी ने पक्ष रखते हुए कहा कि इससे अवैध खनन को बढ़ावा मिलेगा।
न्यायालय ने आदेश दिया कि जब तक इलेक्ट्रॉनिक धर्मकांटे नहीं लगते हैं, तब तक खनन जिला खनन टास्क फोर्स की कड़ी निगरानी में हों। मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ में हुई। विदित हो कि हल्दूचैड़ निवासी पीयूष जोशी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा कि वन निगम को गौला नदी से खनन की अनुमति इस शर्त पर मिली है, कि नदी से उपखनिज ढोने वाले वाहनों में उपखनिज की माप गेटों पर इलेक्ट्रॉनिक धर्मकांटे लगाकर होगी। इसी आधार पर रॉयल्टी तय होगी। इधर अभी इलेक्ट्रॉनिक कांटे नहीं लगे हैं और मेनुअली उपखनिज की माप की जा रही है। मामले की अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी।