देहरादून। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून की सख्ती का असर अब साफ दिखने लगा है। करोड़ों की धोखाधड़ी कर हजारों लोगों को भारी मुनाफे का लालच देने वाला फाइनेंस कंपनी संचालक आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। आरोपी ने “माइक्रो फाइनेंस इंडिया एसोसिएशन” नामक कंपनी के माध्यम से लोगों को अधिक ब्याज और मुनाफे का लालच देकर करोड़ों रुपये का निवेश कराया था और बाद में रकम हड़पकर फरार हो गया था। थाना नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में इस धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब कई निवेशकों ने कंपनी पर रकम न लौटाने का आरोप लगाया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी देहरादून ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।
पुलिस द्वारा स्वयं वादी बनकर चौकी प्रभारी बाईपास उपनिरीक्षक प्रवीण पुंडीर की ओर से मुकदमा दर्ज किया गया। इस मामले में अभियुक्त पर धारा 3/21 बड्स एक्ट, 3 उत्तराखंड जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण अधिनियम एवं 316(2)/318(4)/61(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज हुआ। जांच के दौरान पता चला कि कंपनी का संस्थापक सदस्य जगमोहन सिंह चौहान और उनकी पत्नी नीलम चौहान कंपनी की डायरेक्टर हैं। दोनों मिलकर लोगों को झांसा देकर आरडी, एफडी और डीएसएस खातों के माध्यम से निवेश करवाते थे। फाइनेंस कंपनी में करोड़ों का लेनदेन खुद जगमोहन चौहान संचालित करता था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने त्वरित संज्ञान लेते हुए कंपनी के सभी बैंक खातों को सीज करने के आदेश दिए और फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष पुलिस टीम गठित की।

लगातार प्रयासों और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद से पुलिस टीम ने आरोपी जगमोहन सिंह चौहान को नेहरू कॉलोनी थाना रोड के पास से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपी की पहचान जगमोहन सिंह चौहान पुत्र स्व. श्रीचंद चौहान, निवासी सटेन गजा, थाना नरेंद्र नगर, टिहरी गढ़वाल (वर्तमान पता: ई-ब्लॉक, सरस्वती विहार, थाना नेहरू कॉलोनी, देहरादून), उम्र 55 वर्ष के रूप में हुई है। एसएसपी देहरादून ने निवेशकों से अपील की है कि वे किसी भी कंपनी में पैसा लगाने से पहले उसकी विश्वसनीयता की जांच अवश्य करें। उन्होंने कहा कि आमजन की गाढ़ी कमाई को ठगने की कोशिश करने वाली किसी भी कंपनी के विरुद्ध पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी। पुलिस टीम में थानाध्यक्ष संजीत कुमार, उपनिरीक्षक विकास शुक्ला, प्रवीण सिंह पुंडीर, धनीराम पुरोहित सहित सिपाही श्रीकांत मलिक, बृजमोहन सिंह, संदीप छावड़ी और अर्जुन सिंह शामिल रहे।






