हरिद्वार। थाना खानपुर क्षेत्र में हुई एक दर्दनाक हत्या की गुत्थी को हरिद्वार पुलिस ने मात्र 48 घंटे में सुलझाकर साबित कर दिया है कि चुनौतियों के बावजूद मैन्युअल पुलिसिंग अब भी अपराध पर नकेल कसने में पूरी तरह सक्षम है। ग्राम हस्तमौली बस्ती में गोली मारकर की गई वृद्ध की हत्या की जांच में जब कोई डिजिटल साक्ष्य नहीं मिला, तो कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के नेतृत्व में पुलिस ने पूरी सूझबूझ और बारीकी से जांच की, जिसके बाद यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि मृतक का 19 वर्षीय बेटा ही उसका कातिल निकला। घटना 23/24 मई की रात की है, जब सौरभ नामक युवक ने 112 नंबर पर कॉल कर बताया कि उसके पिता मलखान की अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी है। सूचना पर पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। शव की हालत और गोली की दिशा देखकर मामला संदिग्ध लग रहा था। चूंकि घटनास्थल पर कोई सीसीटीवी कैमरा या इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य नहीं था, पुलिस ने मैन्युअल जांच की रणनीति अपनाई। जांच के दौरान मृतक के बड़े बेटे सूरज पर पुलिस की निगाह टिकी, जो घटना के बाद सबसे ज्यादा शोक जताते हुए भी कुछ असामान्य बर्ताव कर रहा था।
पड़ोसियों से मिली जानकारी के अनुसार सूरज का व्यवहार गैर-जिम्मेदाराना था और वह अक्सर पिता से उलझता रहता था। मृतक मलखान, जो खुद बेरोजगार था और शराब का आदी था, आए दिन बेटे को डांटता था। इसी बात को लेकर सूरज में नाराजगी थी। पूछताछ में जब पुलिस ने दबाव बनाया तो सूरज टूट गया और अपने अपराध को स्वीकार कर लिया। उसने कबूल किया कि आए दिन की डांट और टोका-टोकी से तंग आकर उसने अपने पिता को सीने में गोली मार दी और फिर हत्या के बाद चुपचाप सोने का नाटक करता रहा। पूछताछ के बाद आरोपी की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त 12 बोर का तमंचा पास के गन्ने के खेत से बरामद किया गया। हरिद्वार पुलिस की इस सटीक कार्रवाई के लिए एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने टीम को 5,000 रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की, वहीं गढ़वाल परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक ने 25,000 रुपये का पुरस्कार घोषित किया है।