देहरादून। पटेलनगर क्षेत्र से लापता हुए बुजुर्ग की नृशंस हत्या के मामले में फरार चल रहे 25-25 हजार के इनामी दंपत्ति को पुलिस ने अमृतसर, पंजाब से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी दंपत्ति ने बुजुर्ग को ब्लैकमेल करने की साजिश रची थी, लेकिन जब बुजुर्ग को इसकी भनक लगी, तो उन्होंने बेरहमी से उसकी हत्या कर शव के टुकड़े-टुकड़े कर नहर में फेंक दिया। पुलिस की सघन जांच और लगातार दबिशों के बाद आखिरकार दोनों मुख्य आरोपियों को दबोच लिया गया। घटना 7 फरवरी 2025 को सामने आई जब पीठावाला, चंद्रमणी पटेलनगर निवासी श्यामलाल के लापता होने की सूचना उनकी बेटी निधि राठौर ने दी। जांच में पता चला कि वह अपनी मोटरसाइकिल से निकले थे लेकिन वापस नहीं लौटे। पुलिस ने जब जांच आगे बढ़ाई तो सीसीटीवी फुटेज में बुजुर्ग को एक महिला के घर जाते देखा गया, मगर वापस आते नहीं। संदेह गहराने पर जब पुलिस ने उक्त महिला गीता और उसके पति हिमांशु चौधरी की तलाश की, तो दोनों फरार मिले।
इसके बाद पुलिस ने शक के घेरे में आए अन्य संदिग्धों को हिरासत में लिया, जिनसे पूछताछ में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। पूछताछ में खुलासा हुआ कि गीता और हिमांशु ने श्यामलाल को ब्लैकमेल कर पैसे वसूलने की साजिश रची थी। इसके लिए उन्होंने एक अलग कमरा किराये पर लिया और बुजुर्ग को वहां बुलाया। हिमांशु छिपकर उनकी अश्लील वीडियो बनाने की कोशिश में था, ताकि बाद में उसे ब्लैकमेल कर मोटी रकम ऐंठी जा सके। लेकिन जैसे ही बुजुर्ग को इस षड्यंत्र की भनक लगी, उन्होंने इसका विरोध किया। गीता और हिमांशु ने उन्हें काबू करने की कोशिश की, मगर जब वह बचने के लिए शोर मचाने लगे, तो दोनों ने मिलकर उनकी हत्या कर दी। हत्या के बाद बचने के लिए दोनों ने शव को टुकड़ों में काटा, उन्हें प्लास्टिक के थैलों में पैक किया और देवबंद की साखन नहर में फेंक दिया। पुलिस ने 20 फरवरी को बुजुर्ग के शव के अवशेष बरामद किए और जांच में तेजी लाई।

गीता और हिमांशु लगातार पुलिस से बचने के लिए मुंबई, जयपुर, प्रयागराज, कुरुक्षेत्र होते हुए अमृतसर भागते रहे, लेकिन पुलिस की सटीक सूचना और लगातार दबिशों के चलते उन्हें पकड़ लिया गया। पूछताछ में पता चला कि गीता के श्यामलाल से 12 साल से संबंध थे। अपने पहले पति से अलग होने के बाद उसने हिमांशु से मंदिर में शादी कर ली। हिमांशु एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा था, लेकिन बार-बार ड्रॉप आउट होने से आर्थिक तंगी में आ गया था। इसी तंगी को दूर करने के लिए दोनों ने इस साजिश को अंजाम दिया। पुलिस ने पहले ही इस मामले में गीता के भाई अजय कुमार और बहनोई धनराज चावला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जिन्होंने हत्या के बाद शव ठिकाने लगाने में मदद की थी। मुख्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने इस सनसनीखेज हत्याकांड का पर्दाफाश कर दिया है। दोनों आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।