- कैबिनेट में जल्द तय होगी यूसीसी लागू करने की तिथि: मुख्यमंत्री
देहरादून। उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के क्रियान्वयन की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, नियमावली और क्रियान्वयन समिति ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ड्राफ्ट सौंपा। समिति का गठन सेवानिवृत्त आई.ए.एस. शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में किया गया था। समिति ने सचिवालय में यह दस्तावेज प्रस्तुत किया। इस मौके पर समिति के अन्य सदस्य जैसे सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल, अपर पुलिस महानिदेशक अमित सिन्हा और स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा भी उपस्थित थे।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही कैबिनेट की बैठक में यूसीसी लागू करने की तिथि तय करेगी। उन्होंने बताया कि 2022 में राज्य में नई सरकार बनने के तुरंत बाद यूसीसी के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्णय लिया गया था, जिसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देशाई ने की। इस समिति की सिफारिशों के आधार पर उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 तैयार किया गया, जिसे 7 फरवरी 2024 को राज्य विधानसभा में पारित किया गया और राष्ट्रपति की सहमति के बाद 12 मार्च 2024 को यह विधेयक कानून में बदल गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्राप्त नियमावली में विवाह, विवाह-विच्छेद, लिव-इन रिलेशनशिप, जन्म-मृत्यु पंजीकरण और उत्तराधिकार के नियमों की प्रक्रियाएं शामिल हैं। इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नियमावली को लागू करने के लिए एक पोर्टल और मोबाइल एप भी तैयार किया गया है, जिससे नागरिकों को पंजीकरण और अपील की सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखण्ड, देश का पहला राज्य बन जाएगा, जो समान नागरिक संहिता को लागू करेगा। इस विधेयक से महिलाओं के सशक्तिकरण और सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया जाएगा। इस अवसर पर अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।