- डंपिंग यार्ड बदलाव, मशीनों की खरीद और सुरक्षा को लेकर अधिकारियों को कड़े निर्देश
- एयरफील्ड पर्यावरण प्रबंधन पर उच्चस्तरीय समीक्षा
देहरादून। जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण कार्य को लेकर जिलाधिकारी सविन बंसल ने ऋषिपर्णा सभागार में एयरफील्ड पर्यावरण प्रबंधन समिति की बैठक ली और स्पष्ट कहा कि परियोजना में किसी भी प्रकार की बाधा स्वीकार नहीं होगी। उन्होंने प्रभावित व्यक्तियों को तत्काल मुआवज़ा वितरित करने और अधिग्रहण प्रक्रिया में किसी भी तरह की लापरवाही को अस्वीकार्य बताया। डीएम ने कहा कि एयरपोर्ट विस्तारीकरण मुख्यमंत्री की उच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। इससे न सिर्फ राज्य की आय बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार, व्यवसायिक अवसर और अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर उत्तराखंड की संस्कृति व परंपरा को नई पहचान मिलेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि विमान, यात्रियों और आमजन की सुरक्षा सर्वोपरि है, इसलिए हवाई क्षेत्र में पक्षियों, कचरे और वन्यजीव गतिविधियों पर कड़ी निगरानी अनिवार्य है। डोईवाला क्षेत्र में स्थित केशवपुरी डंपिंग यार्ड को सुरक्षा खतरा बताते हुए जिलाधिकारी ने नगर पालिका को तुरंत कार्रवाई के निर्देश जारी किए। उन्होंने चेतावनी दी कि कूड़ा निस्तारण हेतु ट्रामेल व पोकलैंड मशीन खरीदे बिना नगर पालिका का कोई भी प्रस्ताव स्वीकृत नहीं किया जाएगा।
डंपिंग यार्ड को पूरी तरह टिन शेड से कवर करने, अतिरिक्त मैनपावर तैनात करने और कूड़े के त्वरित निस्तारण का आदेश दिया गया। जिलाधिकारी ने एसडीएम डोईवाला को सात दिन के भीतर डंपिंग यार्ड के लिए दूसरी उपयुक्त सरकारी भूमि चिह्नित करने और वर्तमान भूमि की श्रेणी स्पष्ट करने को कहा। साथ ही एयरपोर्ट परिसर के अंदर और बाहर नालियों की क्षमता संबंधी विसंगतियों को दूर कर सफाई कार्य तुरंत शुरू करने का निर्देश दिया गया। एयरपोर्ट अधिकारियों ने बैठक में बताया कि आसपास कचरे का जमाव, मांस की दुकानें, ऊंचे पेड़ और अनियोजित निर्माण बर्ड-स्ट्राइक की संभावनाएं बढ़ाते हैं। उन्होंने डंपिंग साइट को स्थानांतरित करने और जल निकासी व्यवस्था को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर जोर दिया। बैठक में एडीएम केके मिश्रा, एसडीएम अपर्णा ढौडियाल, विमानपत्तन निदेशक बीसीएच नेगी सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।






