संवाददाता- अरक़म सिद्दीकी
हल्द्वानी एक्सप्रेस न्यूज़/हल्द्वानी। देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल तथा देवभूमि ट्रांसपोर्ट यूनियन संयुक्त मोर्चे ने भारत सरकार से अपील करी है, कि डीजल पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए जैसे कि आए दिन डीजल पेट्रोल के दाम आसमान छू रहे हैं और ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच चुके हैं, जिसका सीधा असर आपको बाजार की खुदरा महंगाई पर देखने को मिल रहा है।
जानकारी देते हुए देवभूमि उद्योग व्यापार मंडल के कुमाऊं मंडल प्रवक्ता हरजीत सिंह चड्ढा एवम ट्रांस्पोर्टर नेता संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष राजकुमार सिंह नेगी ने बताया कि उत्तराखंड में पेट्रोल रुपए लगभग 52 रुपए प्रति लीटर है। डीलर की कमीशन भी पेट्रोल पर 3.69 रुपए और डीजल पर 2.51 रुपए है। इस पर केंद्र और राज्यों की सरकारों का टैक्स इतना ज्यादा है कि कीमत बढ़कर 100 के आंकड़े को छू रही है।
दरअसल, जितनी बेस प्राइज है, उसके मुकाबले दोगुना टैक्स वसूला जा रहा है। इस समय पेट्रोल-डीजल जीएसटी के दायरे में नहीं हैं, इस वजह से हर राज्य में अलग-अलग टैक्स वसूला जा रहा है। केंद्र का टैक्स अलग है। डीजल पर लगभग ₹31 सेंट्रल एक्साइज और राज्य सरकार का विएटी अलग है हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि डीजल पेट्रोल को शीघ्र ही जीएसटी काउंसिल की बैठक बुलाकर इसको जीएसटी के दायरे में लाया जाए जिससे आम जनता व ट्रांसपोर्टरों को राहत मिल सके।
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