एजेंसी/नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता व कांग्रेस नेता भुवन चंद्र कापड़ी की अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) भर्ती घोटाले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग को बुधवार को खारिज कर दिया। वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की पीठ ने मामले की सुनवाई के बाद इस याचिका को खारिज कर दिया है। कापड़ी की ओर से इस मामले को एक याचिका में माध्यम से चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि सरकार इस मामले को दबाना चाहती है। इस मामले की जांच पर पर्दा डालने के लिये विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को जांच सौंपी गयी है। सरकार सिर्फ छोटे लोगों पर हाथ डाल रही है।याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि वर्ष 2020 में भी यूकेएसएसएससी भर्ती में गड़बड़ी का मामला सामने आया था। इस प्रकरण में पौड़ी व मंगलौर में दो अभियोग भी पंजीकृत हुए थे लेकिन दोषियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
दूसरी ओर सरकार की ओर से कहा गया कि इस मामले की 80 फीसदी जांच पूरी कर ली गयी है और 41 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। करीब 28 से 30 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर लिया गया है। सरकार की मंशा किसी को बचाने की नहीं है। सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि याचिका राजनीति से प्रेरित है। सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि याचिकाकर्ता को अधिकार नहीं है कि वह जांच एजेंसी तय करे। सरकार की ओर से इस मामले में उच्चतम न्यायालय के कई निर्णयों का हवाला भी दिया गया और शीर्ष न्यायालय अपने आदेश में कहा चुका है कि दुर्भलतम मामलों में सीबीआई जांच की मांग की अनुमति दी जा सकती है। अदालत ने 12 अक्टूबर को इस मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था। आज अदालत ने निर्णय जारी किया और याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने मांग को पूरी तरह से खारिज कर दिया।