देहरादून। उत्तराखंड शासन के सहकारिता सचिव दिलीप जावलकर ने आज राज्य सहकारी बैंक के देहरादून कैम्प कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने निर्देश दिया है कि राज्य और जिले के कोऑपरेटिव बैंकों में खराब प्रदर्शन करने वाले शाखा प्रबंधकों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की जाए और स्वास्थ्य समस्याओं के कारण अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने वाले कर्मचारियों को ‘परफॉर्मेंस फॉर अस्वस्थ कर्मचारियों’ प्रोग्राम के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाए।बैठक में सचिव जावलकर ने सभी डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव बैंकों में मोबाइल बैंकिंग और नेट बैंकिंग जैसी आधुनिक सेवाओं को शीघ्र प्रारंभ करने का निर्देश दिया, जिससे ग्राहकों को बेहतर सुविधा मिल सके। एनपीए की समस्या पर विशेष ध्यान देते हुए, उन्होंने एनपीए वसूली में कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने और पुलिस की मदद लेने के निर्देश भी दिए।
समीक्षा बैठक के दौरान, राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक नीरज बेलवाल ने प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने बताया कि 15 में से 12 शाखाएं लाभप्रद स्थिति में हैं और एनपीए में 4.08% की कमी आई है। सचिव जावलकर ने पीएम सहकारी आवास ऋण, ग्रह ऋण, और कोऑपरेटिव हाउसिंग ऋण के लिए ठोस नीति बनाने की दिशा में निर्देश दिए और सरकारी कर्मचारियों तथा कॉर्पोरेट ग्राहकों को बैंकों में खाते खोलने के लिए अभियान शुरू करने का सुझाव दिया। सचिव जावलकर ने जिला सहकारी बैंकों का सीडी रेशो कम होने पर चिंता जताते हुए इसे बढ़ाने के निर्देश भी दिए। बैठक में एमडी नीरज बेलवाल, जनरल मैनेजर मुकेश महेश्वरी, असिस्टेंट जनरल मैनेजर आर एस रैना, आकांक्षा कंडारी, नेहा कांत, और पंकज बमेटा सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। इन आदेशों के पालन से बैंक की कार्यक्षमता और सेवाओं में सुधार की उम्मीद की जा रही है।