- वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने चारों धामों और यात्रा मार्गों का किया स्थलीय निरीक्षण, यातायात प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दिए सख्त निर्देश
देहरादून। चारधाम यात्रा-2025 के सफल, सुरक्षित और व्यवस्थित संचालन के उद्देश्य से उत्तराखंड पुलिस ने व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। यात्रा से पूर्व ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा चारों धामों बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के स्थलीय निरीक्षण किए गए, जिनमें यात्रा मार्गों, सुरक्षा प्रबंधों, यातायात व्यवस्था तथा पुलिस बल के ठहराव और सुविधाओं की विस्तार से समीक्षा की गई। बद्रीनाथ धाम के निरीक्षण के दौरान पुलिस महानिरीक्षक (कार्मिक) योगेन्द्र रावत ने ज्योतिर्मठ से लेकर मंदिर परिसर तक के सभी महत्त्वपूर्ण स्थलों का गहन निरीक्षण किया। पांडुकेश्वर, तप्तकुण्ड, ब्रह्मकपाल, सीसीटीवी कंट्रोल रूम और रजिस्ट्रेशन प्वाइंट्स की समीक्षा करते हुए उन्होंने सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण व्यवस्था को बेहतर बनाने के निर्देश दिए। पुलिस बल की तैनाती, भोजन, आवासीय सुविधा और मंदिर क्षेत्र की सफाई व्यवस्था की स्थिति को परखा गया और सभी कमियों को समय से दूर करने के निर्देश दिए गए।

इसी प्रकार, गंगोत्री धाम का निरीक्षण करते हुए पुलिस महानिरीक्षक एवं निदेशक यातायात एन.एस. नपलच्याल ने देहरादून से लेकर उत्तरकाशी और नगुण तक यात्रा मार्ग का जायजा लिया। उन्होंने संकरे मार्गों पर रोटेशन प्रणाली के तहत बड़े वाहनों के संचालन की योजना पर बल दिया और पुलिस गश्त, CCTV निगरानी और लाउडहेलर प्रणाली को सुदृढ़ करने के निर्देश जारी किए। श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित स्नान घाट, पार्किंग व्यवस्था, और सीजनल चौकियों पर पुलिस बल की तैनाती की भी समीक्षा की गई। केदारनाथ धाम में पुलिस महानिरीक्षक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) नीलेश आनंद भरणे ने गौरीकुंड से मंदिर परिसर तक पैदल यात्रा कर सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लिया। जंगलचट्टी, भीमबली, लिंचोली और बेस कैंप में तैनात पुलिस बल की सुविधाओं का निरीक्षण किया गया। मंदिर परिसर में भीड़ नियंत्रण, लाइन प्रबंधन और आईटीबीपी से समन्वय को प्राथमिकता दी गई। उन्होंने रुद्रप्रयाग से लेकर केदारनाथ तक विभिन्न पुलिस पोस्टों का भी निरीक्षण किया।

यमुनोत्री धाम के निरीक्षण के दौरान पुलिस महानिरीक्षक (प्रशिक्षण) अनन्त शंकर ताकवाले ने जानकीचट्टी, फूलचट्टी और राणाचट्टी में यातायात प्रबंधन की समीक्षा की। यात्रा मार्ग पर घोड़ा-खच्चर संचालन, वैकल्पिक मार्गों का उपयोग और संवेदनशील स्थलों पर SDRF की तैनाती को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए। मंदिर परिसर में दर्शन व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने तथा यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए। चारधाम यात्रा में नियुक्त पुलिस बल के ब्रीफिंग, खानपान, विश्राम और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर भी गंभीरता दिखाई गई। निरीक्षण के दौरान स्थानीय व्यापारियों, पंडा समाज और जनप्रतिनिधियों से संवाद कर उनकी सुझावों को भी संज्ञान में लिया गया। उत्तराखंड पुलिस का यह समर्पित प्रयास न केवल श्रद्धालुओं को सुगम और सुरक्षित यात्रा अनुभव प्रदान करेगा, बल्कि राज्य की धार्मिक यात्रा की गरिमा को और अधिक सुदृढ़ करेगा।






